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जयपुर-इंदौर में बनेंगे देश के औद्योगिक विकास-लॉजिस्टिक के पावर सेंटर, केंद्र सरकार ने तैयार किया प्लान

मध्यप्रदेश ने फरवरी, 2025 और राजस्थान ने अप्रैल, 2025 में अपनी राज्य लॉजिस्टिक पॉलिसी घोषित की है। इंदौर में पहले से मल्टी मॉडल लाजिस्टिक पार्क तैयार हो रहा है
 

Industrial Development-Logistics : देश में औद्योगिक विकास और निर्यात बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने मेगा प्लान तैयार किया है। इसके तहत देश में थ्री-लेयर कॉरिडोर तैयार किए जाएंगे और उत्पादन से निर्यात तक का मैकेनिज्म बनाया जाएगा। इसमें 32 से ज्यादा सेंटर से उत्पाद पहले तय मैकेनिज्म से बुनियादी आठ घरेलू सेंटर पर पहुंचेगा, फिर डेडीकेटेड फॉरेन कॉरिडोर तक जाएगा।

सबसे अहम दूसरे स्तर के कॉरिडोर के आठ सेंटर का रोडमैप बीते दिनों फाइनल कर दिया गया। इसमें राजस्थान से जयपुर और मध्यप्रदेश से इंदौर को रखा है। उत्तर प्रदेश व छत्तीसगढ़ से कोई शहर नहीं है। यह कॉरिडोर सबसे महत्वपूर्ण होगा। क्योंकि, यह नीचे सब सेंटर और निर्यात के फॉरेन सेंटर के बीच सबसे अधिक क्षमता के साथ काम करेगा। इन आठ सेंटर पर ही सबसे अधिक स्टोरेज कैपेसिटी रखी जाएगी।

इस योजना के तहत उद्योग विभाग की इंटरनल ट्रेड की लॉजिस्टिक इकाई ने बेसिक कॉरिडोर का रोडमैप बनाया है। इसमें 8 शहरों का चयन बेस मॉडल के रूप में किया गया है। राजस्थान के जयपुर का प्लान बार्डर वाले राज्यों के बेस-प्रोग्राम के लिए होगा वो इंदौर का प्लान लैंडलॉक सेंटर के लिए होगा। इसके बाद के प्रोग्राम इसी हिसाब से बनेंगे। इन सेंटरों को डिजिटल कंट्रोलिंग व एक्स्ट्रा व्हीकल कैपेसिटी के साथ विकसित किया जाएगा।

इसलिए जयपुर और इंदौर सबसे आगे

मध्यप्रदेश ने फरवरी, 2025 और राजस्थान ने अप्रैल, 2025 में अपनी राज्य लॉजिस्टिक पॉलिसी घोषित की है। इंदौर में पहले से मल्टी मॉडल लाजिस्टिक पार्क तैयार हो रहा है। इस कारण घरेलू कनेक्टिविटी में बेहतर पाकर इंदौर रखा। वहीं जयपुर की लॉजिस्टिक स्ट्रेंथ भौगोलिक तौर पर बेहतर पाई है। दूसरा इनकी रूट कनेक्टिविटी डेडीकेटेड फॉरेन कॉरिडोर से भी बेहतर रहेगी।

कैसे होगा काम

इन आठों शहरों में स्टेट लेवल लॉजिस्टिक इंटरग्रेटेड ग्रोथ हब विथ ट्रक, रूट एंड ग्रेट-वे बनेंगे। राज्य सरकारें नए प्लान के हिसाब से आगे काम करेगी। प्राइवेट सेक्टर और स्टार्टअप के साथ काम होगा। डेडीकेटेड इंफ्रास्ट्रक्चर बनेगा। कंटेनर हैंडलिंग, वेयरहाउसिंग, कोल्ड स्टोरेज सहित अन्य सुविधाएं रहेंगी। इन सेंटर से आगे तक की पूरी चेन और मैकेनिज्म तैयार होगा। केंद्र से आर्थिक मदद मिलेगी और सस्टेनेबल एंड ग्रीन लॉजिस्टिक पर फोकस रहेगा। इससे औद्योगिक विकास के काम तेजी से आगे बढ़ेंगे।

ये थी लेयर प्लान

 आपूर्तिकर्ता : विभिन्न राज्यों के इसमें 32 से ज्यादा पर काम हो रहा है। अभी अधिकतर राज्यों में इनका निर्माण हो रहा है।

 बुनियादी सेंटरः राजस्थान-जयपुर, मप्र-इंदौर, उड़ीसा- भुवनेश्वर, बिहार-पटना, हिमाचल-शिमला, आंध्र प्रदेश-विशाखापट्टनम, पंजाब-लुधियाना व असम-गुवाहाटी।

डेडीकेटेड कॉरिडोर: यह फॉरेन 3 कॉरिडोर है। इसमें देश का सबसे बड़ा सेंटर ग्रेटर नोएडा-दादरी रहेगा। इससे कनेक्टेड महाराष्ट्र में जेएनपीटी और बिहार के सोनानगर व पंजाब में लुधियाना होगा।

पहले ही घोषित हो चुका है फॉरेन कॉरिडोर

इस आठ सेंटर के देसी कॉरिडोर को अभी फाइनल किया है, लेकिन करीब पांच महीने पहले डेडीकेटेड फॉरेन लॉजिस्टिक कॉरिडोर को तय कर दिया था। इसके तहत ही ग्रेटर नोएडा में दादरी सेंटर को 7046 करोड़ से विकसित होना है। इसमें महाराष्ट्र के जेएनपीटी और बिहार के सोनानगर व पंजाब के लुधियाना से कनेक्टिविटी रखी है। इसे ही डेडीकेटेड फॉरेन कॉरिडोर बनाया जा रहा है।

यह मिलेगा फायदा

इन आठ जिलों में अभी तक जितने भी औद्योगिक सेंटर व लॉजिस्टिक सेंटर के काम हो रहे थे, वो अब रिडिजाइन होकर बुनियादी सेंटर के रूप में होंगे। औद्योगिक विकास तेज होगा। निर्यात, आसान कनेक्टिविटी, स्टोरेज, व्हीकल कैपेसिटी, तकनीक, रोजगार आदि बढ़ेगा।

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