Land Pooling Scheme : राजस्थान के किसानों को करोड़पति बना देगी यह योजना, सरकार ने 404 एकड़ में तैयार किया प्लान
राजस्थान के किसानों की किस्मत खुलने वाली है। सरकार की यह योजना किसानों को करोड़पति बना देगी और सरकार की तरफ से इस योजना पर काम कर दिया है। राजस्थान सरकार ने इस योजना की शुरुआत जयपुर के शिवदासपुरा क्षेत्र में शुरुआत की है। जहां पर प्रदेश सरकार की लैड पूलिंग योजना के तहत 404 एकड़ में बने भू खंड को विकसित किया जाएगा।
जहां पर सरकार द्वारा इस भूखंड को विकसित करने के बाद इसको किसानों को वापस दे दिया जाएगा। इसके बाद किसानों की यह जमीन करोड़ों में पहुंच जाएगी और उनके ऊपर नोटों की बारिश होगी। सरकार की तरफ से इस जमीन की निशानदेही की शुरुआत कर दी है। सरकार द्वारा इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 100 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी।
हालांकि सरकार पहले ऐसे क्षेत्र के विकसित करने के लिए जमीन का अधिग्रहण किया जाता था, लेकिन अब सरकार द्वारा भूमि का अधिग्रहण नहीं किया जाएगा। बल्कि भूमि मालिकों की सहमति से उनकी जमीन को एकत्र कर विकसित किया जाएगा। इसके बदले उन्हें विकसित भूखंड वापस करने का प्रावधान किया गया है।
विकसित होने वाली इन कालोनियों में जेडीए द्वारा 40 से 200 फीट की चौड़ी सड़कों का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा टोंक रोड की तरफ से 200 से 300 फीट चौड़ी सड़कों का निर्माण किया जाएगा। जहां पर सड़क, सीवरेज, पानी व पार्क विकसित करके इस जमीन का हिस्सा किसानों को दे दिया जाएगा। जहां पर किसानों को इस जमीन के बदले मोटी राशि मिलने वाली है।
प्रोजेक्ट पर खर्च होंगे 100 करोड़ रुपये
राजस्थान सरकार की तरफ बेहतरीन कालोनी विकसित करने के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इस राशि से सड़के, स्ट्रीट लाइट, साइनेज बोर्ड, पानी, सीवरेज, पार्क विकसित किए जाएंगे। इसके तहत छह करोड़ रुपए की राशि स्ट्रीट लाइट्स पर खर्च की जाएगी। इसके अलावा 20 लाख रुपये की राशि साइनेज बोर्ड लगाने पर खर्च किए जाएंगे। ट्रीटेड वाटर सप्लाई लाइन भी करीब 14 किमी के क्षेत्र में बिछाई जाएगी। दो एसटीपी और एक वाटर रिचार्ज सिस्टम भी योजना में विकसित किया जाएगा।
किसानों के साथ लोगों को होगा फायदा
राजस्थान सरकार की लैंड पूलिंग मॉडल से न केवल विकास की गति बढ़ेगी, बल्कि भूमि विवादों और अधिग्रहण की जटिलताओं से भी बचा जा सकेगा। गुजरात में जाकर जेडीए के एक दल ने इस मॉडल का परीक्षण भी किया था। इससे किसानों को जहां जमीन की मोटी राशि मिलेगी, वहीं लोगों को विकसित कालोनी में प्लाट उपलब्ध हो जाएंगे।