New Industrial Area : राजस्थान में 1578 एकड़ में बनेगा नया औद्योगिक क्षेत्र, पश्चिम भारत को मिलेगी औद्योगिक क्रांति
जोधपुर मारवाड़ जंक्शन क्षेत्र जल्द ही औद्योगिक गतिविधियों का नया औद्योगिक केंद्र बनने वाला है। केंद्र सरकार ने देशभर में जिन चार प्रमुख फ्रेट कॉरिडोर केंद्रों का विकास किया है, उनमें एक वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) है। मारवाड़ जंक्शन इसी डब्ल्यूसीएफसी का एक केन्द्र है। इसी रणनीतिक फैसले के विस्तार के रूप में अब जोधपुर-पाली-मारवाड़ औद्योगिक क्षेत्र आकार ले रहा है, जो भविष्य में पश्चिम भारत की औद्योगिक क्रांति को नई गति दे सकता है।
यह क्षेत्र नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डवलपमेंट कॉर्पोरेशन की ओर से विकसित किया जा रहा है, जिसके लिए 922 करोड़ रुपए की परियोजना लागत तय की गई है। यह प्रस्तावित औद्योगिक क्षेत्र 1578 एकड़ में फैला होगा। जोधपुर से यह केवल 30 किलोमीटर और मारवाड़ जंक्शन से 60 किलोमीटर की दूरी पर है, जिससे परिवहन, लॉजिस्टिक और व्यापारिक संचालन के लिए यह स्थान भौगोलिक दृष्टि से अत्यंत अनुकूल बनता है।
विशेषकर जोधपुर-पाली-देसूरी बेल्ट पहले से ही हैंडीक्राफ्ट, फैब्रिक, मार्बल और ग्रेनाइट उत्पादों के लिए राष्ट्रीय पहचान रखती है, इस क्षेत्र के विकसित होने से स्थानीय कौशल और उत्पादन क्षमता को बाजार से सीधा प्लेटफॉर्म हासिल होगा। यह योजना इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें औद्योगिक विकास के साथ हरियाली, ट्रैफिक व्यवस्था, पर्यावरण, पार्क, ओपन स्पेस और लॉजिस्टिक सुविधाओं का ध्यान रखा गया है। इससे भविष्य की आवासीय और कारोबारी गतिविधियों के लिए संतुलित वातावरण उपलब्ध रहेगा।
मारवाड़ क्षेत्र के विकास की नई परिभाषा
जोधपुर-पाली-मारवाड़ इंडस्ट्री कॉरिडोर का विकास आने वाले वर्षों में इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था की दिशा बदल सकता है। व्यापारिक स्तर पर यह दिल्ली-मुंबई फ्रेट रूट का लाभ उठाएगा, वहीं रोजगार और निवेश के अवसर ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंच सकेंगे। इससे छोटे कस्बों और गांवों में आर्थिक गतिविधियों का विस्तार होगा।
वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के द्वार खुलने के साथ ही मारवाड जंक्शन केवल रेलवे का ठहराव नहीं, बल्कि एक बड़ा औद्योगिक दरवाजा बनने की ओर अग्रसर है। यदि योजनाएं तय समय में धरातल पर उतरती हैं तो यह औद्योगिक क्षेत्र राजस्थान ही नहीं, बल्कि पश्चिम भारत का प्रमुख व्यापारिक ट्रांसपोर्ट और मैन्यूफैक्चरिंग हब बनने की क्षमता रखता है। मारवाड़ जंक्शन का यह औद्योगिक भविष्य न सिर्फ निवेशकों के लिए अवसर है, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार का भरोसा और मारवाड़ की अर्थव्यवस्था के लिए नई ऊर्जा साबित हो सकता है।
7500 करोड़ के निवेश का लक्ष्य, 40 हजार लोगों को रोजगार
इस इलाके में उद्योग, व्यापार और उत्पादन गतिविधियों को गति देने के लिए 7500 करोड़ रुपए के संभावित निवेश का लक्ष्य रखा गया है। इसके चलते करीब 40 हजार लोगों को रोजगार को प्राथमिकता दी है( जिनकी मांग घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार हजार से अधिक युवाओं को रोजगार के प्रत्यक्ष अवसर और उससे भी अधिक अप्रत्यक्ष अवसर खुलने की संभावना है।

