New Industrial Area : राजस्थान के 103 गांवों की तस्वीर को बदलेगा नया औद्योगिक क्षेत्र, सड़क के लिए जमीन का होगा अधिग्रहण
नई पॉलिसी से मिलेगा मुआवजा, काश्तकारों को होगा फायदा
खैरथल-तिजारा जिले की कोटकासिम तहसील अब औद्योगिक मानचित्र पर अपनी नई पहचान बनाने जा रही है। रीको द्वारा कैरवा गांव में तहसील का पहला औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की कवायद तेज कर दी गई है। करीब 80 बीघा (18.41 हेक्टेयर) जमीन पर प्रस्तावित इस प्रोजेक्ट से क्षेत्र के 103 गांवों की तस्वीर बदल जाएगी।
हालांकि, यह प्रोजेक्ट पिछले तीन साल से सड़क के अभाव में अटका हुआ था, लेकिन अब रीको ने कैरवा और पुर गांव के बीच 1.8 किलोमीटर लंबी और 30 मीटर चौड़ी सड़क बनाने का निर्णय लिया है। इसके लिए जनवरी 2026 से जमीन अवाप्ति की प्रक्रिया शुरू होगी। बता दें कि कैरवा गांव में इंडस्ट्री एरिया विकसित करने के लिए रीको ने साल 2022 के अंत में बीडा से 18.41 हेक्टेयर जमीन ली थी।
इसके बदले रीको ने बीडा को कृषि भूमि की डीएलसी दर के अनुसार करीब 10 करोड़ रुपए का भुगतान भी कर दिया था। लेकिन कनेक्टिविटी नहीं होने के कारण योजना धरातल पर नहीं उतर पाई। अब रीको इस इंडस्ट्री एरिया को मुख्य सड़क से जोड़ने के लिए कैरवा और पुर गांव के 34 खसरों की लगभग 4.16 हेक्टेयर भूमि अवाप्त करेगा।
नई पॉलिसी से मिलेगा मुआवजा, 500 काश्तकारों को होगा फायदा
सड़क निर्माण के लिए होने वाली जमीन अवाप्ति में करीब 500 काश्तकार शामिल हैं। इन्हें रीको की दिसंबर 2025 में जारी नई पॉलिसी के आधार पर मुआवजा दिया जाएगा। काश्तकारों को उनकी अवाप्त भूमि के बदले 20 प्रतिशत आवासीय इंडस्ट्रियल और 5 प्रतिशत कमर्शियल जमीन विकसित भूखंड के रूप में दी जाएगी। इससे किसानों को न केवल अपनी जमीन का सही मूल्य मिलेगा, बल्कि वे भविष्य में इस औद्योगिक विकास के भागीदार भी बन सकेंगे।
1 लाख की आबादी को मिलेगा सीधा फायदा
कैरवा में इंडस्ट्री एरिया विकसित होने से कोटकासिम तहसील के 103 गांवों को बेहतर अवसर मिलेंगे। मुख्य रूप से बीबरानी, पालपुर की ढाणी, गुनसार, मूनपुर ठाकरान, जहांपुरी, खैराल, तिगांवा, खानपुर अहीर, चाचियावास, शानौदा, पुर और दाईका जैसे गांवों की 1 लाख से अधिक आबादी को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाभ होगा। क्षेत्र में नए बाजार विकसित होंगे।
क्या है व्हाइट कैटेगरी इंडस्ट्री?
पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने उद्योगों को रेड, ऑरेंज, ग्रीन और व्हाइट कैटेगरी में बांटा है। व्हाइट कैटेगरी में वे यूनिट आती हैं जिनका पॉल्यूशन इंडेक्स 20 या उससे कम होता है। इन उद्योगों को प्रदूषण विभाग से सीटीई (कंसेंट टू एस्टेब्लिश) व सीटीओ (कंसेंट टू ऑपरेट) लेने की जरूरत नहीं होती। संचालन खर्च कम होता है व इन्हें आवासीय या मिश्रित जोन के पास लगाया जा सकता है।
व्हाइट जोन
प्रदूषण मुक्त उद्योगों का लगेगा हब - रीको की योजना व्हाइट जोन विकसित करने की है। इसका मतलब है कि यहां केवल वे उद्योग लगेंगे जिनसे प्रदूषण न के बराबर होता है।
क्या लग सकेगा
आईटी व सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, रेडीमेड गारमेंट, पैकेजिंग यूनिट, इलेक्ट्रॉनिक्स और पार्ट्स निर्माण, बेकरी व फूड प्रोसेसिंग, मोबाइल रिपेयरिंग सेंटर और कोल्ड स्टोरेज।
बड़ा निवेश
यहां 500 वर्ग मीटर से लेकर 2000 वर्ग मीटर तक के कुल 63 भूखंड नियोजित किए गए हैं। इन छोटे-बड़े उद्योगों के लगने से लगभग 300 करोड़ रुपए के निवेश का अनुमान है।

