New Rail Line approved : हरियाणा से अलवर तक 104 किमी लंबी नई रेल लाइन को मिली मंजूरी, इन जिलों से होकर निकलेगी
केंद्र सरकार ने हरियाणा व राजस्थान को नई रेल लाइन की मंजूरी दी है। यह रेल लाइन हरियाणा के विभिन्न जिलों से होते हुए राजस्थान के अलवर तक जाएगी। इस रेलवे लाइन की लगभग पांच दशक से मांग चल रही थी, लेकिन अब तक सिरे नहीं चढ़ी थी, लेकिन अब रेलवे विभाग की तरफ से इस 104 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन को मंजूरी दी है।
इसके लिए केंद्र सरकार की तरफ से 2500 करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी है। जल्द ही इस रेलवे लाइन का सर्वे किया जाएगा। जहां पर इसके लिए हरियाणा व राजस्थान के जिलों में जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। इस रेलवे लाइन को हरियाणा के सोहना –नूंह–फिरोजपुर झिरका–अलवर तक बिछाया जाएगा। जहां पर सोहना से इस रेलवे लाइन को सीधे दिल्ली से जोड़ा जाएगा।
सोहना से अलवर रेलवे लाइन पर होंगे सात रेलवे स्टेशन
केंद्र सरकार की तरफ से सोहना से अलवर तक मंजूर की गई रेलवे लाइन की लंबााई 104 किलोमीटर होगी। इसके लिए हरियाणा व राजस्थान के बीच में सात रेलवे स्टेशन बनाए जाएंगे। यह परियोजना हरियाणा और राजस्थान, दोनों राज्यों के विकास में अहम भूमिका निभाएगी। रेल मंत्रालय के अनुसार, इस लाइन के निर्माण का काम अगले तीन वर्षों में पूरा कर लिया जाएगा। नूंह, जिसे पहले मेवात के नाम से जाना जाता था, वर्ष 2005 में गुरुग्राम से अलग होकर जिला बना। यह जिला अब तक रेल नेटवर्क से नहीं जुड़ा था, जिससे यहां के लोगों को रोजगार और आवाजाही में कठिनाई होती थी।
अब नई रेल लाइन के निर्माण से इस क्षेत्र के लोगों को न केवल यात्रा में सुविधा मिलेगी, बल्कि स्थानीय उद्योग, व्यापार और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। यह परियोजना प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत शुरू की गई है, जिसमें देश के 115 अति पिछड़े जिलों को विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है। नूंह भी इन्हीं जिलों में शामिल है।
इस रेल परियोजना की मांग पहली बार 1971 में गुड़गांव के तत्कालीन सांसद चौधरी तैयब हुसैन ने संसद में रखी थी। तब से लेकर अब तक यह मांग कई बार दोहराई गई। हाल ही में भिवानी-महेंद्रगढ़ के सांसद धर्मबीर सिंह और गुरुग्राम के सांसद व केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने भी इस परियोजना को लेकर जोर दिया था।
केंद्र सरकार ने पिछले बजट में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। नई रेल लाइन के जरिए दिल्ली से अलवर को सोहना, नूंह और फिरोजपुर झिरका के रास्ते जोड़ा जाएगा। इस परियोजना के पूरा होने के बाद मेवात क्षेत्र का सीधा रेल संपर्क दिल्ली से स्थापित होगा। रेल मंत्रालय के अनुसार, यह परियोजना 2028 तक पूरी हो सकती है।

