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Rajasthan Roadways : राजस्थान रोडवेज के परिचालकों पर सख्ती, अब तीन हजार किमी बस चलाने पर मिलेगा वेतन 

राजस्थान रोडवेज में काफी परिचालक मूल काम छोड़कर डिपो कार्यालयों में कर रहे ड्यूटी 
 

राजस्थान रोडवेज में कार्यरत परिचालकों के प्रति सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। जहां पर रोडवेज के काफी परिचालक मूल काम को छोड़कर कार्यालयों में काम कर रहे है। इसके कारण स्टाफ की कमी के चलते बसों के संचालन में परेशानी आ रही है। इसी समस्या का समाधान करने के लिए राजस्थान रोडवेज ने नया नियम बनाया है।

राजस्थान रोडवेज बसों से परिचालक का मूल काम छोड़कर लंबे समय से डिपो कार्यालयों में बाबूगिरी' कर रहे अनफिट परिचालकों पर सख्ती की तैयारी में है। जयपुर मुख्यालय ने प्रदेशभर के सभी डिपो से ऐसे परिचालकों की विस्तृत सूची मांगी है, जो मेडिकल अनफिट होने के बाद लगातार बस संचालन से दूर रहकर कार्यालय में कार्य कर रहे हैं।

मुख्यालय ने निर्देश दिया है कि सूची में यह जानकारी अनिवार्य रूप से शामिल की जाए कि कर्मचारी कब से मेडिकल अनफिट है, अनफिट प्रमाण पत्र का स्तर क्या है, कितने समय से मूल पद से हटकर अन्य कार्य कर रहा है, वास्तविक परिचालन कार्य में कितना समय लगाया है, उसकी कुल सेवा अवधि कितनी है, कार्यकाल के दौरान कितनी बार रिमार्क या चार्जशीट मिली है।

सूत्रों के अनुसार, रोडवेज प्रबंधन लंबे समय से ऐसे परिचालकों के कारण बस संचालन में आ रही बाधाओं को लेकर चिंतित है। है। बड़ी संख्या में परिचालक मेडिकल आधार पर दफ्तरों में बैठे रहते हैं, जबकि वास्तविक संचालन का दबाव फील्ड स्टाफ पर बढ़ जाता है। ऐसे हालात को देखते हुए मुख्यालय जल्द ही इन कर्मचारियों के संबंध में कोई महत्वपूर्ण निर्णय ले सकता है।

तीन हजार किलोमीटर चलाने पर ही मिलेगा वेतन

करीब दो माह पहले ही रोडवेज एमडी ने आदेश जारी कर स्पष्ट किया था कि जो कर्मचारी अपने मूल पद पर काम नहीं करेगा, उसे वेतन नहीं दिया जाएगा। चालक और परिचालक वर्ग के लिए यह भी निर्देश जारी हुए थे कि लगभग तीन हजार किलोमीटर बस संचालन करने के बाद ही वेतन स्वीकृत होगा। यदि कोई कर्मचारी इस मानक को पूरा नहीं करेगा, तो उसकी वेतन पात्रता स्वतः समाप्त मानी जाएगी। यह नियम उन परिचालकों पर भी लागू माना जा रहा है, जो मेडिकल आधार पर लंबे समय से फील्ड से दूर हैं।

सूची मुख्यालय भेजने की प्रक्रिया शुरू

कोटा डिपो के चीफ मैनेजर अजय कुमार मीणा ने बताया कि मुख्यालय के आदेश के अनुसार अनफिट परिचालकों की सूची तैयार की जा रही है। कई परिचालक मेडिकल प्रमाण पत्र के आधार पर वर्षों से डिपो में ही बैठे हुए हैं। ऐसे सभी नाम तथा आवश्यक विवरण मुख्यालय को भेजे जा रहे हैं।

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