Rajasthan Flat : राजस्थान सरकार ने दिया झटका, अब आवासन मंडल के फ्लैट खरीदने पर देनी होगी पूरी कीमत
आवासन मंडल ने वर्ष 2015 में एनईबी एक्सटेंशन स्कीम लॉन्च की थी। इसके तहत 240 फ्लैट बनाए गए थे। ग्राउंड फ्लोर के अलावा तीन मंजिला फ्लैट्स के रेट 12 से 13 लाख के मध्य रखे गए।
राजस्थान के अलवर में आवासन मंडल के खाली फ्लैट छूट पर नहीं मिलेंगे। प्रदेश सरकार ने इसकी अनुमति नहीं दी। सरकार का कहना है कि अलवर एनसीआर में आता है, ऐसे में छूट नहीं दी जा सकती। खाली फ्लैट्स को नई दरों के मुताबिक बिक्री करने के निर्देश आवासन मंडल को दिए हैं। इसी के साथ छूट पर आवास लेने के लिए लाइन में लगे सैकड़ों लोगों को झटका लगा है।
आवासन मंडल ने वर्ष 2015 में एनईबी एक्सटेंशन स्कीम लॉन्च की थी। इसके तहत 240 फ्लैट बनाए गए थे। ग्राउंड फ्लोर के अलावा तीन मंजिला फ्लैट्स के रेट 12 से 13 लाख के मध्य रखे गए। इसमें टू बीएचके व थ्री बीएचके दोनों तरह के फ्लैट शामिल थे। लॉन्चिंग के दौरान आवासन मंडल को अच्छा रेस्पॉंस मिला, लेकिन वर्ष 2018 के बाद घटता चला गया।
वर्ष 2019 के बाद करीब 150 फ्लैट्स खाली थे। ऐसे में आवासन मंडल स्कीम लेकर आया और कुछ फ्लैट बेचे। वर्ष 2024 तक 25 फ्लैट यहां खाली हैं, जिन्हें बेचने के लिए आवासन मंडल ने सरकार से छूट देने का प्रस्ताव रखा था। इस प्रस्ताव में कहा गया कि रेट कम होंगे, तो ये फ्लैट बिक जाएंगे, लेकिन आवासन मंडल के हेड ऑफिस जयपुर ने मना कर दिया। वर्तमान में एक फ्लैट की कीमत 24 से 25 लाख के मध्य है। ऐसे में लोग यह राशि देने से कतरा रहे हैं।
एनईबी एक्सटेंशन कॉलोनी में 300 से ज्यादा स्वतंत्र आवास बनाए गए। यहां दर्जनों आवास ऐसे हैं, जो खाली पड़े हैं। ये खंडहर में तब्दील हो रहे हैं। स्वतंत्र आवासों को लेने के लिए कई लोगों ने विभाग से संपर्क किया, लेकिन सरकार से राशि में छूट देने की अनुमति नहीं मिली। काला कुआं स्कीम में भी कुछ आवास नहीं बिके। बताया जा रहा है कि इन पर विधिक कार्यवाही लंबित है।
एनईबी कॉलोनी में 2 हजार से ज्यादा आवास विभाग ने बनाए, जिसमें दो दर्जन से ज्यादा भवन खाली पड़े हैं। यहां 162 गज के फ्लैट करीब 50 लाख कीमत के हैं। यही राशि आवासन मंडल को बिक्री के दौरान लेनी होगी। यदि छूट मिलती तो यह मकान लोगों को सस्ती दरों पर मिल सकते थे।
उप आवासन आयुक्त पीएल मीणा ने कहा कि एनईबी एक्सटेंशन के खाली फ्लैट्स की बिक्री के लिए छूट देने को विभाग से अनुमति मांगी थी, लेकिन मना कर दिया गया है। ऐसे में वर्तमान मूल्य में ही फ्लैट्स बेचे जा सकेंगे।