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Rajasthan Land Rate : राजस्थान सरकार के फैसले से इस शहर की जमीन के रेट छुएंगे आसमान, इन गांवों के लोग होंगे मालामाल 

जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) के एक फैसले ने जयपुर के साथ उसके साथ लगते जिलों की किस्मत को खोल दिया है। जेडीए ने अब जयपुर जिले से आगे बढ़कर कोटपूतली-बहरोड़ जिले तक पहुंच गया है। नगरीय विकास विभाग (यूडीएच) की नई अधिसूचना के अनुसार 3000 वर्ग किलोमीटर के जेडीए रीजन को बढ़ाकर लगभग 6000 वर्ग किलोमीटर कर दिया गया है।
 

राजस्थान में सरकार की तरफ से विकास के लिए नए रास्ते खोले जा रहे है। जहां पर नई औद्योगिक इकाई स्थापित की जा रही है। इसके अलावा नए नेशनल हाईवे के साथ रेलवे लाइन भी बिछाई जा रही है। इससे जहां पर व्यापार बढ़ रहा है, वहीं जमीन के रेट भी लगातार उछाल पर आ रहे है। इसी बीच में जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) के एक फैसले ने जयपुर के साथ उसके साथ लगते जिलों की किस्मत को खोल दिया है।

जेडीए ने अब जयपुर जिले से आगे बढ़कर कोटपूतली-बहरोड़ जिले तक पहुंच गया है। नगरीय विकास विभाग (यूडीएच) की नई अधिसूचना के अनुसार 3000 वर्ग किलोमीटर के जेडीए रीजन को बढ़ाकर लगभग 6000 वर्ग किलोमीटर कर दिया गया है। अब विराटनगर तहसील के 9 गांवों सहित कुल 17 तहसीलों के 632 गांव जेडीए के अधिकार क्षेत्र में शामिल हो गए हैं।

जेडीए के इस फैसले के बाद कोटपूतली-बहरोड जिले के अंतर्गत आने वाली जमीन आसमान को छूने वाली है। हालांकि इसकी पहले से ही भनक लगते ही जमीन के रेट बढ़े थे, लेकिन अब अधिकारिक फैसले के बाद इस जिले के अंतर्गत् आने वाली जमीनों के रेट आसमान को छूने वाले है। 

632 नए गांव आए जेडीए की सीमा में

नगरीय विकास विभाग (यूडीएच) की अधिसूचना के अनुसार इस विस्तार के तहत 632 नए गांवों को जेडीए रीजन में जोड़ा गया है। पहले जेडीए का क्षेत्र 40 किलोमीटर तक फैला हुआ था, जिसे अब 60 किलोमीटर तक बढ़ाया गया है। इसमें जोबनेर, शाहपुरा और चाकसू नगर पालिकाओं के मास्टर प्लान में शामिल 47 गांव भी जोड़े गए हैं। वहीं, जयपुर, चौमूं और सांगानेर तहसील के 14 गांव, जो पहले जेडीए सीमा से बाहर थे, अब नए दायरे में आ गए हैं।

सबसे ज्यादा गांव माधोराजपुरा तहसील से

नए जोनिंग में सबसे बड़ी हिस्सेदारी माधोराजपुरा तहसील की रही है, जहां से 98 गांव शामिल किए गए हैं। इसके बाद बस्सी से 86, चाकसू से 58, जमवारामगढ़ से 58, शाहपुरा से 55, जालसू से 51, चौमूं से 44, जोबनेर से 43, फागी से 41, आंधी से 36 और तूंगा से 25 गांव शामिल हैं। वहीं, कोटखावदा से 14, विराटनगर से 9, दूदू से 6, किशनगढ़-रेनवाल और फुलेरा से 4-4 गांव जोड़े गए हैं।

ग्रामीण इलाकों को मिलेगा बेहतर रोड नेटवर्क

जेडीए के दायरे में आने से ग्रामीण इलाकों को सबसे बड़ा फायदा रोड नेटवर्क के रूप में मिलेगा। कई गांवों में आबादी तेजी से बढ़ रही है, लेकिन चौड़ी सड़कों और सेक्टर रोड का अभाव है, अब जेडीए इन क्षेत्रों में 80 फीट या उससे ज्यादा चौड़ी सड़कें विकसित करेगा, जिससे गांवों की कनेक्टिविटी नजदीकी कस्बों और शहरों से बेहतर होगी।

मास्टर प्लान और लैंड यूज पर असर

अब जेडीए इन सभी गांवों को आगामी मास्टर प्लान में शामिल करेगा। इसके तहत रोड नेटवर्क, कॉलोनियां, बुनियादी सुविधाओं और विकास कार्यों की योजनाएं बनाई जाएंगी। गांवों की सरकारी और खातेदारी जमीनों का लैंड यूज निर्धारण भी जेडीए स्तर पर होगा। साथ ही कृषि भूमि को आवासीय या वाणिज्यिक उपयोग में बदलने की मंजूरी भी जेडीए देगा, जिससे नई कॉलोनियों और योजनाओं को सीधा लाभ मिलेगा।

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