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Rajasthan Lump sum Settlement : 3410 कर्जदार किसानों को 44 करोड़ रुपए ब्याज में छूट
 

राजस्थान एकमुश्त समझौता योजना : 
प्रदेश के सबसे बड़े अवधिपार खाते का हुआ निस्तारण
अलवर जिले के बलजीत मेव को मिली 37.23 लाख रुपये की बड़ी राहत
किसानों को संबल अब तक 3,410 ऋणी सदस्यों को मिली 44 करोड़ रुपये के ब्याज की राहत
 
rajasthan

RNE Jaipur.
 

राजस्थान सरकार द्वारा भूमि विकास बैंकों के अवधिपार ऋणियों के लिए लागू की गई मुख्यमंत्री अवधिपार ब्याज राहत एकमुश्त समझौता योजना 2025-26 में सोमवार को प्रदेश के सबसे बड़े अवधिपार खाते का निस्तारण हुआ है। प्राथमिक भूमि विकास बैंक, अलवर की लक्ष्मणगढ़ शाखा के ऋणी सदस्य कठूमर तहसील के टिटपुरी ग्राम निवासी बलजीत व अन्य पुत्र श्री छज्जू मेव को यह राहत प्रदान की गई है। ऋणी द्वारा 18.61 लाख रुपये का मूलधन जमा कराये जाने पर योजना के अंतर्गत 37.23 लाख रुपये के ब्याज की राहत प्रदान की गई। इस प्रकार, 55.84 लाख रुपये के अवधिपार खाते का निस्तारण किया गया।
 

जमीन की हो चुकी थी नीलामी, वापस मिली : 
 

इससे पूर्व नीलामी के दौरान बोलीदाता के अभाव में बैंक द्वारा राजस्थान सहकारी सोसायटी अधिनियम, 2001 की धारा 103 के तहत ऋणी की भूमि बैंक के पक्ष में करवाई गई थी। अब योजना के अंतर्गत खाते का निस्तारण होने से भूमि पुन: बलजीत मेव के स्वामित्व में आ जाएगी, जिससे वे अपने परिवार का गुजारा आसानी से चला पाएंगे।
 

जानिए क्या है योजना : 
 

सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम कुमार दक ने बताया कि योजना के अंतर्गत पात्र ऋणी सदस्य द्वारा अवधिपार ऋण का केवल मूलधन चुकाने पर राज्य सरकार द्वारा अवधिपार ब्याज में शत प्रतिशत राहत दिए जाने का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 36 प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों के कुल 30,010 ऋणी सदस्य योजना के तहत राहत के लिए पात्र हैं। इन ऋणी सदस्यों द्वारा 326 करोड़ रुपये का मूलधन जमा करवाये जाने पर 534 करोड़ रुपये की राहत देय होगी। सहकारिता मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पर्याप्त प्रचार-प्रसार से योजना की जानकारी जन-जन तक पहुंच चुकी है, जिससे पात्र ऋणी सदस्य योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए प्रेरित हो रहे हैं।
 

मंत्री दक ने बताया कि योजना के प्रति किसानों एवं लघु उद्यमियों में उत्साह नजर आ रहा है। योजना का लाभ प्राप्त कर ऋणी किसानों का जीवन बदल रहा है और वे फिर से मुख्यधारा में लौट रहे हैं। योजना के अंतर्गत अब तक 3,410 ऋणी सदस्यों द्वारा 33 करोड़ रुपये मूलधन जमा करवाया जा चुका है तथा राज्य सरकार द्वारा 44 करोड़ रुपये की राहत प्रदान की जा चुकी है।