Rajasthan New Railway Line : राजस्थान में 800 करोड़ से बनी रेलवे लाइन नहीं हुई उपयोगी, अब नई रेलवे लाइन से बढ़ेगी कनेक्टिविटी
अजमेर-पुष्कर रेल लाइन 13 साल से उपयोगी साबित नहीं हुई है। इलेक्ट्रिक लाइन पर डीजल इंजन संचालित है। मेड़ता से लाइन के विस्तार में देरी से पश्चिमी राजस्थान, पंजाब, हरियाणा कनेक्टिविटी नहीं हो पाई है। कनेक्विटी बढ़ने पर सामरिक, आर्थिक, एवं धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिल सकता है। करीब 15 वर्ष पूर्व 800 करोड़ रुपए की राशि से रेलवे लाइन व पुष्कर रेलवे स्टेशन का निर्माण कराया गया। तबसे इस लाइन पर पुष्कर-अजमेर-ब्यावर-मारवाड़ जाने वाला शटल संचालित है।
पुष्कर-मेड़ता लाइन जरूरी
पुष्कर-मेड़ता लाइन का जुड़ाव बहुत जरूरी है। यह कार्य धीमी गति से चल रहा है। यह रेल लाइन जुड़ने पर जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर, नागौर, बीकानेर, पंजाब एवं हरियाणा तक आवाजाही बढ़ेगी। नसीराबाद छावनी से बॉर्डर तक सेना की पहुंच आसान होगी।
विस्तार की कवायद धीमी होने से अभी और इंतजार करना पड़ सकता है।
इन हो रहा खर्च पायलट, सहायक पायलट, टीटी, रनिंग स्टाफ, प्वाइंट मेन, रेलवे फाटक का स्टाफ आदि के वेतन का खर्च प्रतिमाह है। पुष्कर रेलवे स्टेशन के रखरखाव, बिजली सहित स्टाफ के वेतन शामिल हैं।
97 करोड़ रुपए का बजट
पुष्कर-मेड़ता लाइन के लिए भूमि अवाप्ति की प्रक्रिया जारी है। खातेदारों को नोटिस जारी हुए हैं। ट्रेक के लिए प्रारंभिक रूप से 97 करोड़ रुपए का बजट भी जारी हुआ है।
2012 में अजमेर-पुष्कर रेल सेवा शुरू
800 करोड़ रुपए हुए थे खर्च
25.7 किमी. अजमेर - पुष्कर दूरी
4 लाख रुपए है सालाना आय
60 लाख रुपए आता है सालाना खर्च