Rajasthan One State One Election : CM भजनलाल का बड़ा फैसला, पंचायती राज, शहरी निकायों के परिसीमन को मंजूरी
Aug 23, 2025, 16:18 IST
RNE Jaipur.
राजस्थान अब "One State One Election" की ओर बढ़ रहा है। मतलब यह कि श्हरी निकायों से लेकर पंचायत तक के चुनाव एक साथ होने की पूरी संभावना है। ऐसा कहने की वजह यह है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पंचायती राज संस्थाओं और शहरी निकायों के परिसीमन व पुनर्गठन से संबंधित कैबिनेट सब-कमेटियों की रिपोर्ट को मंजूरी दी है। इस योजना के तहत पंचायती राज और शहरी निकायों के चुनाव एक साथ कराए जाएंगे, जिससे चुनाव प्रक्रिया में समय और संसाधनों की बचत होगी तथा विकास कार्यों में रुकावट कम होगी। इसके लिए जल्द ही गजट नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा।
दिलावर-खर्रा की कमेटीयाँ, यह रिपोर्ट:
दरअसल राजस्थान सरकार ‘वन स्टेट वन इलेक्शन’ को लागू करना चाहती है। इस नीति के तहत पंचायती राज संस्थाओं और शहरी निकायों के चुनाव एक साथ कराए जाएंगे। इससे बार-बार आचार संहिता लागू होने से विकास कार्यों में होने वाली रुकावटों को कम किया जा सकेगा। इसी लिहाज से गठित कैबिनेट सब-कमेटियों ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर की है। इस रिपोर्ट में नए वार्डों के गठन, सीमांकन और पुनर्गठन के लिए सुझाव दिए गए हैं। इन कमेटियों का नेतृत्व शहरी निकायों के लिए नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा और पंचायती राज के लिए पंचायत राज मंत्री मदन दिलावर ने किया।
कई बदलाव होंगे :
रिपोर्ट के बारे में अब तक सामने आई जानकारी के मुताबिक जयपुर, जोधपुर और कोटा जैसे प्रमुख शहरों में नगर निगमों की संख्या को कम किया जा सकता है। कांग्रेस की गहलोत सरकार ने इन शहरों में दो-दो नगर निगम बनाए थे। अब प्रत्येक शहर में एक नगर निगम रखने की योजना है। ग्राम पंचायतों और शहरी निकायों के वार्डों के परिसीमन को लेकर भी व्यापक बदलाव प्रस्तावित हैं। नई ग्राम पंचायतों के गठन के लिए 2 से 3 हजार और पंचायत समितियों के लिए 115 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इसी लिहाज से कमेटी ने पुनर्गठन का खाका तैयार किया है।
अड़चने और समाधान :
‘वन स्टेट वन इलेक्शन’ को लागू करने में कई कानूनी अड़चनें हैं। वजह, पंचायती राज और शहरी निकायों के चुनाव हर पांच साल में कराना होता है। ऐसे में एक साथ करवाने के लिए राजस्थान पंचायती राज अधिनियम 1994 और राजस्थान नगरपालिका अधिनियम में संशोधन की आवश्यकता होगी। सरकार इसके लिए विशेषज्ञों और कानूनविदों की सलाह लेगी।