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जनरंजन : मंत्रिमंडल के 6 रिक्त पद भरे जायेंगे, कुछ मंत्रियों के विभागों में बदलाव की भी पूरी संभावना

संगठन में गये विधायक या मंत्री तो पुनर्गठन की भी स्क्रिप्ट
विधायकों की जयपुर से दिल्ली तक लॉबिंग शुरू
वसुंधरा खेमे से मंत्री बनने की भी पूरी संभावना
 

मधु आचार्य ' आशावादी '
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RNE Special.
 

राजस्थान के बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल विस्तार के लिए एक बार फिर कवायद शुरू हो गयी है। राजस्थान में अभी 6 मंत्रियों के पद रिक्त है, जिनको सरकार गठन के बाद से अभी तक भरा ही नहीं जा सका है। अनेक बार नये मंत्री बनाने के लिए जयपुर - दिल्ली के बीच रेस हुई, मगर बात किसी न किसी कारण से अटक जाती।

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जबकि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, प्रदेश भाजपा प्रभारी राधा मोहन व प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ इस पर पूरी कसरत कर चुके है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा, संगठन महामंत्री बी एल संतोष, गृह मंत्री अमित शाह आदि से भी इस मामले में चर्चा हो चुकी है। किसी न किसी राजनीतिक घटना के चलते बात सिरे नहीं चढ़ पाई है। अब एक बार फिर मंत्रिमंडल गठन की चर्चा जोरों पर है।

उप चुनाव के बाद से प्रतीक्षा है:
 

विधानसभा के पिछले उप चुनावों के बाद से ही मंत्रिमंडल के विस्तार व पुनर्गठन का इंतजार अधिकतर विधायकों को है। उप चुनाव में कांग्रेस से सीट छिनने वाले विधायकों को मंत्रिमंडल विस्तार का बेताबी से इंतजार है। क्योंकि इनमें से कई विधायक खुद को मंत्री पद का प्रबल दावेदार मानते है। 
 

विभागों में फेरबदल की संभावना:
 

राजनीति के जानकारों का मानना है कि मंत्रिमंडल के विस्तार के साथ कुछ मंत्रियों के विभागों में भी बड़ा फेरबदल हो सकता है। सीएम व भाजपा प्रदेश प्रभारी ने मंत्रियों का रिपोर्ट कॉर्ड भी तैयार कराया है। उसके अनुरूप कुछ मंत्रियों के विभाग बदले जा सकते है। इन मंत्रियों का कार्य काफी विवादों में रहा है। सीएम उनको छत्तीसगढ़ की तर्ज पर हटाये भले ही न, मगर उनके विभाग में परिवर्तन कर सकते  है। ऐसे मंत्री व विभाग भी सीएम ने चिन्हित किये है।
 

मदन राठौड के बयान से खलबली:

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भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने पिछले दिनों एक बयान देकर कई मंत्रियों की परेशानी बढ़ा दी है। उन्होंने कहा कि कुछ मंत्रियों व विधायकों को संगठन में लिया जा सकता है। उससे कई मंत्री चिंतित हो गए है। क्योंकि जिनको संगठन में लिया जायेगा, उनको मंत्री पद तो छोड़ना पड़ेगा। ठीक इसी तरह वे विधायक भी इस बयान से चिंतित है जो मंत्री पद की आस लगाए बैठे है। कुल मिलाकर संगठन में मंत्रियों और विधायकों को लाया जाता है तो फिर मंत्रिमंडल का पुनर्गठन होना तय है।
 

विधायकों की लॉबिंग शुरू:
 

मंत्रिमंडल के विस्तार या संभावित पुनर्गठन को देखते हुए राज्य के भाजपा विधायकों ने जयपुर से दिल्ली तक लॉबिंग शुरू कर दी है। लॉबिंग करने वालों में कुछ वे विधायक भी शामिल है जो वरिष्ठ है, पहले मंत्री भी रह चुके है। वहीं कुछ नए व पहली बार बने विधायक भी मंत्री पद की दौड़ में शामिल है। 
 

केंद्रीय नेतृत्त्व कर रहा आंकलन:
 

भाजपा के केंद्रीय नेतृत्त्व ने सब कुछ राज्य के सीएम, प्रभारी व प्रदेश अध्यक्ष पर ही नहीं छोड़ रखा है। अपितु अपनी तरफ से भी वो आंकलन करा रहा। एक केंद्रीय मंत्री लगातार राजस्थान के दौरे कर विधायकों , मंत्रियों से मिल रहे है। अपने खास तरीके से आंकलन भी कर रहे है। संगठन के कुछ पदाधिकारी भी यही काम कर रहे है। इन सब स्तरों पर आंकलन होने के बाद ही मंत्रिमंडल विस्तार या पुनर्गठन का काम होगा।
 

वसुंधरा खेमे को भी आस:

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केंद्रीय नेतृत्त्व ने मंत्रिमंडल विस्तार, संगठन का गठन व राजनीतिक नियुक्तियों में सभी को प्रतिनिधित्व देने के निर्देश भी दिए है, ऐसा बताया जा रहा है। इस लिहाज से वसुंधरा राजे के खेमे के कुछ विधायक भी मंत्री बनेंगे, यह तय माना जा रहा है।

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