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Sumit Godara ने Giveup अभियान शुरू किया, 38 लाख ने छोड़ा, 66 लाख को जोड़ा, हर जरूरतमंद को अनाज मिलने का रास्ता साफ

 

राजस्थान के एक मंत्री सुमित गोदारा ने एक ऐसा अभियान शुरू किया जो देखने में एक सामान्य सरकारी योजना लग रही थी लेकिन जब इसकी लगातार मॉनिटरिंग के साथ नतीजे आए तो प्रदेश के 38 लाख लोगों को जीवनयापन के लिए अनाज मिलने का रास्ता बन गया है। इस अभियान का नाम है "Giveup."

ऐसे हुई शुरुआत : 

दरअसल राजस्थान में लोगों से अपील की गई कि यदि वे खुद बाजार से अनाज खरीद कर खाने में सक्षम हैं तो उन्हें सरकार की ओर से खाद्य सुरक्षा के नाम पर मिल रहा अनाज छोड़ देना चाहिए। बार-बार अपील की गई लेकिन शुरुआत में इसका ज्यादा असर नहीं हुआ। ऐसे में अपील के साथ ही उन लोगों की स्क्रीनिंग भी शुरू हुई जो सरकारी योजना में अनाज ले रहे थे। इसमें चौंकने वाली बात यह सामने आई कि बड़ी तादाद में ऐसे लोग खाद्य सुरक्षा का लाभ ले रहे हैं जो सरकारी कर्मचारी हैं और हर महीने अच्छी तनख्वाह लेते हैं।

कर्मचारियों, अधिक आय वालों को चेतावनी का असर : 

ऐसे में कर्मचारियों को चेतावनी दी गई कि तुरंत "Give Up" नहीं किया तो नौकरी पर असर पड़ेगा। इसके साथ ही अच्छी इनकम वालों को भी चिन्हित कर चेतावनी दी गई। इसके साथ ही लोगों में जागरूकता भी आई और लोग खाद्य सुरक्षा से अपना नाम हटवाने खुद आगे आने लगे।

मंत्री सुमित गोदारा के बयान के मुताबिक "अभियान के तहत प्रदेश में 38 लाख से अधिक अपात्र लोगों ने स्वेच्छा से खाद्य सुरक्षा का त्याग किया है।"

इतने लोगों को मिला फायदा : 

अब इस अभियान का दूसरा पहलू जानिए। सरकार ने तय किया कि जो पात्र लोग हैं और अब तक उन्हें खाद्य सुरक्षा में नहीं जोड़ा गया हैं उन्हें अब इस लिस्ट में शामिल कर लिया जाएगा। ऐसे में एक ओर अपात्र लोगों के नाम हटते जा रहे हैं वहीं दूसरी और जरूरतमंदों को जीवनयापन के लिए अनाज मिलने का रास्ता साफ होता जा रहा है। मंत्री गोदारा के मुताबिक प्रदेश में 66 लाख नवीन व्यक्तियों को जोड़ा गया है। ये नवीन पंजीकृत व्यक्ति अब रियायती दरों पर गेस सिलेंडर, निशुल्क उपचार सहित अन्य कई योजनाओं का लाभ ले सकेंगे। साथ ही मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा योजना में पाँच लाख रुपए का सुरक्षा कवच मिलेगा।

ऐसे परिवारों को लिस्ट से हटा रहे : 

A. ऐसे परिवार, जिसका कोई भी एक सदस्य आयकर दाता हो।

B. ऐसे परिवार, जिसका कोई भी एक सदस्य सरकारी/अर्द्धसरकारी/स्वायत्तशासी संस्थाओं में नियमित कर्मचारी/अधिकारी हो अथवा एक लाख रूपये वार्षिक से अधिक पेंशन प्राप्त करता है।

C. ऐसे परिवार, जिसके किसी भी एक सदस्य के पास चारपहिया वाहन हो (ट्रेक्टर एवं एक वाणिज्यिक वाहन को छोडकर, जो कि जीविकोपार्जन के उपयोग में आता हो)।

D. ऐसे परिवार, जिसके सभी सदस्यों के स्वामित्व में कुल कृषि भूमि लघुकृषक हेतु निर्धारित सीमा से अधिक हो।

E. ऐसे परिवार, जिसके सभी सदस्यों की कुल आय एक लाख रू० वार्षिक से अधिक हो।

F. ऐसा परिवार, जिसके पास ग्रामीण क्षेत्र में 2000 वर्गफीट से अधिक स्वयं के रिहायश हेतु निर्मित पक्का मकान हो।

G. नगर निगम/नगर परिषद क्षेत्र में 1000 वर्गफीट से अधिक क्षेत्रफल में निर्मित पक्का आवासीय/व्यवसायिक परिसरधारी परिवार(कच्ची बस्ती को छोडकर)

H. नगर पालिका क्षेत्र में 1500 वर्गफीट से अधिक क्षेत्रफल में निर्मित पक्का आवासीय/व्यवसायिक परिसरधारी परिवार(कच्ची बस्ती को छोडकर)

इनको खाद्य सूची में शामिल कर रहे :

अन्त्योदय परिवार, बीपीएल परिवार, स्टेट बीपीएल परिवार, अन्नपूर्णा योजना के लाभार्थी, मुख्यमंत्री वृद्धजन सम्मान योजना, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना, मुख्यमंत्री एकल नारी योजना, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना, मुख्यमंत्री विशेष योग्यजन पेंशन योजना, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विकलांग पेंशन योजना, . महानरेगा में 2009-10 से किसी भी वर्ष में 100 दिन मजदूरों करने वाला परिवार (ग्रामीण क्षेत्र के लिए), मुख्यमंत्री निराश्रित पुनर्वास परिवार योजना, सहरिया एवं कथौडी जनजाति परिवार, भूमिहीन कृषक (ग्रामीण क्षेत्र के लिए), . कानूनी रूप से निर्मुक्त बंधुआ मजदूर, सीमान्त कृषक (ग्रामीण क्षेत्र के लिए), वरिष्ठ नागरिक जिनका स्वतंत्र राषनकार्ड हो तथा आयु सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा पेंशन योजना के निर्धारित आयु सीमा में हो बशर्त Exclusion (पात्र नही) शर्तो में न आते हो।, मुख्यमंत्री जीवन रक्षा कोष में लाभान्वित परिवार, समस्त सरकारी हॉस्टल में अन्तःवासी (समाज कल्याण, जनजाति विभाग, शिक्षा विभाग, अल्पसंख्यक मामलात् विभाग एवं सरकारी कॉलेज एवं स्कूलों के हॉस्टल), एकल महिलाऐं, श्रम विभाग में पंजीकृत निर्माण श्रमिक, पंजीकृत अनाथालय एवं वृद्धाश्रम एवं कुष्ठ आश्रम, कच्ची बस्ती में निवास करने वाले सर्वेक्षित परिवार (शहरी क्षेत्र के लिए), कचरा बीनने वाले परिवार, शहरी घरेलू कामकाजी महिला (शहरी क्षेत्र के लिए), गैर सरकारी सफाई कर्मी (शहरी क्षेत्र के लिए), स्ट्रीट वेण्डर (शहरी क्षेत्र के लिए) , उत्तराखण्ड त्रासदी वाले परिवार, साईकिल रिक्शा चालक, पोर्टर(कुली), कुष्ठ रोगी तथा कुष्ठ रोग मुक्त व्यक्ति, घुमन्तु एवं अर्द्धघुमन्तु जातियां जैसे वनबागरिया, गाडियालुहार, भेड़ पालक, वनाधिकार पत्रधारी परम्परागत वनवासी परिवार, लघु कृषक(ग्रामीण क्षेत्र के लिए), आस्था कार्डधारी परिवार, अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम, 1989 तथा संषोधित अधिनियम, 2015 के अन्तर्गत पीडित व्यक्ति, एड्स(उपार्जित प्रतिरक्षा अभावजनित संलक्षण रोग) से ग्रसित व्यक्ति एवं उनका परिवार, सिलिकोसिस रोग से ग्रसित व्यक्ति एवं परिवार, बहु-विकलांग एवं मंदबुद्धि व्यक्ति (21 श्रेणियां), डायन प्रताड़ना निवारण अधिनियम, 2015 के अन्तर्गत पीड़ित महिलाऐं, निःसन्तान वृद्ध दम्पति, वृद्ध दम्पति जिनके केवल दिव्यांग संतान है, ट्रांसजेण्डर।

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