राजस्थान के इस किले में है 113 मंदिर, किले का कणकण सुनाता है भक्ति और त्याग की कहानी
Rajasthan Tourism: राजस्थान का चित्तौड़गढ़ शहर सिर्फ अपनी खूबसूरती के लिए नहीं बल्कि अपने गौरवशाली इतिहास के लिए भी जाना जाता है। इस शक्ति भक्ति और त्याग का नगरी कहा जाता है जिसका कोना-कोना मेवाड़ की गौरव की कहानी सुनाता है।
चित्तौड़गढ़ का किला भारत ही नहीं बल्कि पूरे एशिया का सबसे बड़ा किला है। इसका विशाल और मजबूत संरचना सदियों से आ रही वीरता की कहानी सुनाता है। इसे जो भी देखा है मंत्र मुग्ध हो जाता है।
यह किला महाराणा प्रताप की आदित्य साहस और शौर्य का प्रतीक है और उनके वीरता की कहानी भी सुनाता है। इसकी वीरता की कहानी जो भी सुनता है वह गर्व से भर जाता है।
आपको बता दे कि इस किले की दीवार और महल की खूबसूरत नहीं है बल्कि इसके अंदर 113 से भी अधिक मंदिर है। यहां विजय स्तंभ कीर्ति स्तंभ राणा कुंभा महल और रानी पद्मावती का महल आकर्षण का केंद्र है।
चित्तौड़गढ़ किला रानी पद्मावती के महान बलिदान की अमर कहानी सुनाता है और इस किले में हुए जौहर की गाथा त्याग और सम्मान का प्रतीक है। आज भी यहां आने वाले पर्यटक इसे देखकर रो देते हैं।
महाराणा प्रताप और रानी पद्मावती की कहानियों के अलावा इस किले में भक्त मीराबाई की कहानी के प्रति अटूट श्रद्धा का केंद्र भी है जहां मीराबाई के भजन बोलते हैं।
चित्तौड़गढ़ का किला एक ऐसा किला है जो आप घूमते ही नहीं है बल्कि इसे अपना इतिहास भी जानते हैं। इसे देखकर ऐसा लगता है मानो अपना इतिहास हमारे आंखों के सामने ही चल रहा है।यह किला जितना खूबसूरत है इसकी कहानी भी उतनी ही खूबसूरत है। यह त्याग की कहानी सुनाता है जो लोगों को भावुक कर देता है।यहां की बलिदान की कहानी सुनकर आज भी लोग रो देते हैं। रानी पद्मावती की कहानी आज भी पूरे दुनिया में गूंजती है।