बेहद चमत्कारी है बॉर्डर की आखिरी गांव में बना यह शिव मंदिर, यहां भारत-पाक के हिंदू नवाते है शीश
Rajasthan: बाड़मेर जिले की अंतिम भारत पाक क्षेत्र का शिव मंदिर बेहद खास है। यहां बरसों से पाकिस्तान जाने वाले हिंदू शीश झुकाते हैं। भारत-पाक युद्ध के दौरान सेना और बीएसएफ जवान हर-हर महादेव उदोष लगाते हुए यहीं से कुच करते थे।
आजादी से पहले रेल से जाने वाले यात्री महादेव से कुशल यात्रा की कामना करने के बाद ही यात्रा प्रारंभ करते थे। अंग्रेजों के समय जब रेल लाइन बिछाई गई तो रेलवे ने मंदिर का निर्माण कराया था।
1947 में जब भारत और पाकिस्तान का विभाजन हुआ तब यह सरहद का अंतिम शिव मंदिर हो गया। पहले जोधपुर हैदराबाद पाकिस्तान के मध्य चलने वाली रेल में आने वाले हिंदू इस मंदिर में शीश झुका कर पाकिस्तान जाते थे।
आज भी यह मंदिर आस्था का विशेष केंद्र है। सावन के महीने में यहां पर ग्रामीणों के साथ बीएसएफ के जवान भी आराधना करते हैं और यहां पर जागरण का आयोजन होता है। राजस्थान की अलग-अलग जिलों से लोग यहां पर महादेव के दर्शन के लिए आते हैं।
सामने जानकारी के अनुसार शिव मंदिर को भव्य बनाने के लिए ग्रामीणों ने एक जूता दिखाइए और कहां है कि इस मंदिर को बेहद शानदार तरीके से बनाया जाएगा।