Udaipur City : उदयपुर शहर को मिलेगी जाम से राहत, राजस्थान सरकार ने नए प्रोजेक्ट को दी मंजूरी
उदयपुर शहर में तिराहे के री-इंजीनियरिंग और रोटरी निर्माण (घूमने वाला) कार्य को मंजूरी दी गई है
राजस्थान के उदयपुर शहर को जल्द ही जाम से राहत मिलने वाली है। इसके लिए राज्य सरकार की तरफ से प्लान तैयार किया है, ताकि वाहन जाम में नहीं फंसे। यातायात दबाव और दुर्घटनाओं को कम करने के लिए बलीचा तिराहा अब आधुनिक स्वरूप लेगा। मुख्यमंत्री बजट घोषणा वर्ष 2025-26 के अंतर्गत इस तिराहे के री-इंजीनियरिंग और रोटरी निर्माण (घूमने वाला) कार्य को मंजूरी दी गई है।
कार्य पूरा होने के बाद यह तिराहा शहर के दक्षिणी प्रवेश द्वार पर जाम और हादसों से राहत देगा। वर्तमान में बलीचा तिराहे पर पीक ऑवर में लगभग 2970 पीसीयू वाहन यातायात दर्ज किया है। पीसीयू यातायात एक समान पैमाने पर मापने की इकाई है, जिसका अर्थ पैसेंजर कार यूनिट है। पिछले वर्षों में यहां भारी वाहन, शहर से गुजरने वाले ट्रक और बाहरी ट्रैफिक के कारण लगातार जाम और दुर्घटनाओं की स्थिति रहती थी।
एनएचएआइ के सिक्सलेन बाईपास मार्ग बनाने पर इस तिराहे पर भारी वाहनों का दबाव कम हो गया, लेकिन स्थानीय और शहर से बाहर जाने वाले वाहनों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसके चलते इस तिराहे को दुर्घटना और जाम मुक्त बनाने के लिए यहां री-इंजीनियरिंग का काम को मंजूरी दी गई। यूडीए ने डीपीआर तैयार कर टेंडर कॉल किए हैं।
8.65 करोड़ रुपये की राशि होगी खर्च
डीपीआर के मुताबिक, वर्तमान ढांचे का री-इंजीनियरिंग कार्य पूर्ण कर रोटरी का निर्माण किया है। इस कार्य में करीब 8.65 करोड़ की राशि निर्धारित की है। तकनीकी दृष्टि से यह निर्णय आइआरसी के मानकों के अनुरूप होने और इसे यातायात प्रवाह की दृष्टि से सबसे उपयुक्त माना है। घुमावदार सर्कल बनने से इस तिराहे पर वाहनों की आवाजाही नियंत्रित ढंग से होगी, जाम की स्थिति घटेगी और दुर्घटनाओं में कमी आएगी।
राह होगी आसान
इस योजना न केवल बलीचा तिराहे पर यातायात सुचारु होगा बल्कि शहर के भीतर आने-जाने वाले मार्गों पर भी राहत मिलेगी। स्थानीय निवासियों और व्यवसायियों का कहना है कि यह कार्य वर्षों से लंबित था। इसके पूर्ण होने पर बलीचा, प्रतापनगर और उदयपुर. बांसवाड़ा मार्ग पर चलने वालों को स्थायी सुविधा मिलेगी। जाम से मुक्ति मिलने पर समय और ईंधन की बचत भी होगी।
यूडीए आयुक्त राहुल जैन ने बताया कि राज्य सरकार की स्वीकृति के बाद डीपीआर को अंतिम रूप दिया है। टेंडर जारी किए जा चुके है। कुछ सप्ताह में कार्य स्थल पर निर्माण प्रारंभ किया जाएगा। कार्य पूर्ण होने पर यह तिराहा शहर की ट्रैफिक योजना में एक मॉडल जंक्शन के रूप में काम करेगा।

