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Job With Fake Degree : सागरमल भांभू,खुशालचंद, सुमन कुमारी, वैभव भाटी फर्जी दस्तावेजों से नौकरी लगे, चारों को हटाया

सागरमल भांभू, खुशालचंद और सुमन कुमारीकी कंप्यूटर योग्यता डिग्री फर्जी।
मेघालय के महात्मा गांधी विश्वविद्यालय से कंप्यूटर योग्यता की डिग्री नियमित स्टूडेंट के रूप में प्राप्त करना बताया 
 

RNE Bikaner.

बीकानेर में फर्जी डिग्री और खेल के फर्जी सर्टिफिकेट लगाकर नौकरी हासिल करने के बड़े मामले का खुलासा हुआ है। जांच के बाद जिले की अलग-अलग पंचायत समितियों में नियुक्त 04 बाबुओं को नौकरी से हटा दिया गया है।
 

इनमें  से बीकानेर, पूगल, खाजूवाला और पांचू पंचायत समिति के एक-एक कनिष्ठ लिपिक को नौकरी से हटाया गया है। सीईओ जिला परिषद के निर्देश पर संबंधित विकास अधिकारियों ने फर्जी डिग्री वालों को नौकरी से हटाने के आदेश जारी किया। इनमें 3 कार्मिकों की कंप्यूटर योग्यता फर्जी निकली वहीं एक का खेल प्रमाण पत्र सक्षम स्तर का नहीं था।
 

जानिए कौन कहाँ था नियुक्त : 
 

सीईओ जिला परिषद सोहनलाल ने बताया कि पांचू पंचायत समिति के कनिष्ठ लिपिक सागरमल भांभू पुत्र खेमाराम भांभू, पूगल पंचायत समिति के कनिष्ठ लिपिक खुशालचंद पुत्र भूपाराम, खाजूवाला पंचायत समिति की कनिष्ठ लिपिक सुमन कुमारी पुत्री राजेन्द्र सिंह और बीकानेर पंचायत समिति के कनिष्ठ लिपिक वैभव भाटी पुत्र धूमल भाटी को नौकरी से हटाया गया है। 
 

किसने, कौनसा, दस्तावेज़ फर्जी पेश किया : 
 

सीईओ जिला परिषद ने बताया कि कनिष्ठ लिपिक सागरमल भांभू, खुशालचंद और सुमन कुमारी तीनों की कंप्यूटर योग्यता डिग्री फर्जी पाई गई है। तीनों ने मेघालय के महात्मा गांधी विश्वविद्यालय से कंप्यूटर योग्यता की डिग्री नियमित स्टूडेंट के रूप में प्राप्त करना बताया जबकि इसी समय के दौरान का तीनों का अनुभव प्रमाण पत्र है यानी उक्त कंप्यूटर योग्यता डिग्री ऑफ कैंपस ली गई। इसी प्रकार वैभव भाटी का चयन उत्कृष्ट खिलाड़ी पद के विरुद्ध किया गया था लेकिन खेल प्रमाण पत्र सक्षम स्तर का नहीं पाया गया। लिहाजा कंप्यूटर योग्यता डिग्री फर्जी होने और का खेल प्रमाण पत्र भी सक्षम स्तर का नहीं होने पर चारों कार्मिकों को नौकरी से हटा दिया गया है। इस संबंध में सीईओ जिला परिषद के निर्देश पर संबंधित पंचायत समिति के विकास अधिकारियों ने चारों कार्मिकों के सेवा पृथक्करण के आदेश भी जारी कर दिए हैं।
 

सुनवाई का दिया था अवसर : 
 

सीईओ जिला परिषद सोहनलाल ने बताया कि चारों कार्मिकों का चयन कनिष्ठ लिपिक भर्ती-2013 के तहत किया गया था। उन्होंने बताया कि 9 अक्टूबर 2025 को जिला परिषद की जिला स्थापना समिति की हुई बैठक में उक्त कार्मिकों को निर्धारित कंप्यूटर योग्यता व उत्कृष्ट खिलाड़ी की योग्यता को लेकर सुनवाई का अवसर दिया गया। लेकिन चारों कार्मिक योग्यता को साबित नहीं कर पाए। लिहाजा चारों कार्मिकों का चयन निरस्त करने का निर्णय़ लिया गया।

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