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पीबीएम से लगातार चोरी हो रहे है मरीजों के रिश्तेदारों के वाहन, बीमार की पूछने आने वाले हो रहे शिकार

 
पीबीएम से लगातार चोरी हो रहे है मरीजों के रिश्तेदारों के वाहन, बीमार की पूछने आने वाले हो रहे शिकार
  • लगातार चोरियां, फिर भी मेडिकल कॉलेज प्रशासन चुप
  • पुलिस की चौकी मगर एक छोटा परिसर भी महफूज नहीं
  • जनता अब गुस्से में, जन प्रतिनिधियों से नाराज
रितेश जोशी पीबीएम से लगातार चोरी हो रहे है मरीजों के रिश्तेदारों के वाहन, बीमार की पूछने आने वाले हो रहे शिकार RNE Special. बीकानेर संभाग के सबसे बड़े पीबीएम अस्पताल को पहले यहां के बड़े, अच्छे और नामचीन डॉक्टरों की वजह से पहचाना जाता था। इस भव्य परिसर की खूबसूरती व खुले वातावरण के कारण जाना जाता था। मरीज को रोग से राहत मिलती थी और उसके साथ आने वाले परिजनों को इलाज से संतोष मिलता था। रिश्तेदार व मित्र तबीयत पूछने आते थे तो दिलासा मरीज को मिलती थी। पीबीएम से लगातार चोरी हो रहे है मरीजों के रिश्तेदारों के वाहन, बीमार की पूछने आने वाले हो रहे शिकार मगर पिछले एक साल से पीबीएम अब वाहन चोरी के बड़े स्थल के रूप में पहचाना जाने लगा है। वाहन चोरों के लिए ये सबसे आसान जगह है जहां से वे वाहन चुरा सकते है। इन चोरों का सॉफ्ट टारगेट अब पीएबीएम बन गया। एक साल की ही बात करें तो यहां से सैकड़ों वाहन चोरी हो गये। कितनी गाड़ियों का पेट्रोल चोरी हुआ, इसका तो कोई आंकड़ा भी नहीं। अब पीबीएम धीरे धीरे वाहन चोरों का आरामगाह बन गया है। बीमार का पूछने आने वाले शिकार: अधिकतर पीबीएम में वाहन चोरी का शिकार वो लोग हो रहे है जो किसी भर्ती मरीज की तबीयत पूछने आते है या मरीज के रिश्तेदार होते है। कुछ शिकार वो भी होते है जो दवाई लेने, जांच रिपोर्ट लेने आते है।अर्थ ये हुआ कि कम समय के लिए पीबीएम आने वाले लोगों के वाहन अधिक चोरी हो रहे है। पीबीएम से लगातार चोरी हो रहे है मरीजों के रिश्तेदारों के वाहन, बीमार की पूछने आने वाले हो रहे शिकार इसका मतलब घात लगाये रहते है: इससे तो यही आभाष होता है कि चोर पीबीएम में हर तरफ घात लगाये रहते है और मौका ताड़ते है, मिलते ही वाहन लेकर रफ्फूचक्कर हो जाते है। इतना होने के बाद भी पीबीएम या पुलिस प्रशासन उनको घात लगाकर पकड़ता क्यों नहीं। मेडिकल कॉलेज प्रशासन मौन क्यों: लगातार होती वाहन चोरियों को मेडिकल कॉलेज प्रशासन व पीबीएम प्रशासन मौन साधे हुए है। कुछ नहीं कर रहे है। जब सीसीटीवी लगे हुए है तो चोर को पकड़ने में कोताही क्यों हो रही है। अगर नहीं लगे हुए है कहीं सीसीटीवी तो लगाते क्यों नहीं है। पुलिस व प्रशासन से मिलकर चोरों की धरपकड़ क्यों नहीं कराते है। आखिरकार परिक्षेत्र तो मेडिकल व पीबीएम प्रशासन का ही है। पीबीएम से लगातार चोरी हो रहे है मरीजों के रिश्तेदारों के वाहन, बीमार की पूछने आने वाले हो रहे शिकार पुलिस चौकी, फिर भी ख़ौफ़ नहीं: पीबीएम परिसर में पुलिस चौकी भी बनी हुई है। जिसकी अपनी नफरी भी है। मगर उसके बाद भी चोरों के हौसले बुलंद है। उनमें पुलिस चौकी का कोई ख़ौफ़ नहीं, ये तो चोरियां देखकर ही पता चल जाता है। एक छोटे से परिसर की सुरक्षा में इतनी लापरवाही सही नहीं। नफरी बढ़ा चोरों की धरपकड़ करनी चाहिए। पीबीएम से लगातार चोरी हो रहे है मरीजों के रिश्तेदारों के वाहन, बीमार की पूछने आने वाले हो रहे शिकार जनता अब भारी आक्रोश में: लगातार हो रही वाहन चोरियों के कारण अब जनता गुस्से में है और जन प्रतिनिधियों से नाराजगी जता रही है। उनका कहना है कि बीकानेर शहर के दोनों विधायकों को इस मसले को गम्भीरता से लेना चाहिए। पीबीएम के चप्पे चप्पे में सीसीटीवी लगाने चाहिए। नफरी बढ़ाकर चोरों को पकड़वाना चाहिए। जनता नहीं तो उनसे नाराज होगी। कलेक्टर साहिबा! आप ध्यान दें: जिले की कलेक्टर साहिबा नम्रता वृष्णि जी से जनता की गुहार है कि वे अब इस मामले में हस्तक्षेप कर जनता को राहत दिलाये। जनता बेहद परेशान है। जब जब जनता की परेशानी दूर करने में पीबीएम व मेडिकल कॉलेज प्रशासन विफल रहा है, तब तब जिला कलेक्टर के हस्तक्षेप से ही जनता को राहत मिली है। इस बार फिर कलेक्टर से ही उम्मीद है। पीबीएम से लगातार चोरी हो रहे है मरीजों के रिश्तेदारों के वाहन, बीमार की पूछने आने वाले हो रहे शिकार