Model Smart Villages : राजस्थान का यह गांव देश के मॉडल स्मार्ट गांवों में शामिल
भारत सरकार ने स्मार्ट विलेज मिशन मोड प्रोजेक्ट के तहत जिले में रोहट के सवाईपुरा गांव को स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित करने के लिए चुना है। राजस्थान से यह इकलौता गांव है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत 2047 के विजन को साकार करने की दिशा में वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने प्रोजेक्ट की शुरुआत की है।
इसमें मध्य प्रदेश से जानापुरा (रायसेन), लद्दाख का चुमाथांग (लेह), असम का जुनाकिमाऑडल (जोरहाट), ओडिशा का कुसुनपुर (केदारनाथ) और गुजरात का भाड़ा (कच्छ) शामिल हैं। इसका उद्देश्य आधुनिक तकनीक, पर्यावरण-अनुकूल उपायों और डिजिटल साधनों के उपयोग से ग्रामीण भारत का समग्र विकास करना है। बता दें कि सवाईपुरा में वेस्ट मैनेजमेंट, कृषि राजस्व सुधार (एग्रो रेवेन्यू इंप्रूवमेंट), डिजिटल कनेक्टिविटी, सड़क कनेक्टिविटी, बेहतर बिजली व्यवस्था, टेली मेडिसिन, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, विलेज प्लानिंग, और स्वच्छता प्रबंधन (हाइजीन एंड सैनिटेशन) पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
सवाईपुरा की जनसंख्या 1100 है। कुल वोटर 650 हैं। नए नाम 50 जुड़े हैं और 18 से कम के 400 लोग शामिल हैं। स्मार्ट विलेज के कामों की मॉनिटरिंग कलेक्टर करेंगे। अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी विशाल सिपा ने बताया कि सीएसआईआर की विभिन्न प्रयोगशालाओं की विशेषज्ञता का उपयोग गांव के विकास में किया जाएगा।
आवास और निर्माण (CSRI-CBRI)
भवन डिजाइन, कम लागत वाले आवास, कूल रूफ तकनीक, मिट्टी के ब्लॉक आदि। सड़कें (सीएआईआर-सीआरआरआई): वार्म मिक्स, कोल्ड मिक्स और वेस्ट प्लास्टिक से। एग्रीटेक (सीएमईआरआई, सीईईआरआई): ई-ट्रैक्टर, स्वचालित खेती उपकरण, स्मार्ट खेती मशीनें, और सोलर ग्रीन हाउस।
ऊर्जा और पर्यावरण (सीएमईआरआई, सीईईआरआई)
सोलर-बायोमास हाइब्रिड माइक्रोग्रिड, डीसी माइक्रोग्रिड और एग्रीवोल्टिक्स। जल प्रबंधन (आईआईसीटी, एनजीआरआई) भूजल आकलन और उन्नत वाटर एटीएम।
स्वास्थ्यसेवा (सीईईआआई, परमपीआरआई)
टेली-हेल्थ कनेक्ट और जल शोधन प्रणाली (डी-टोक्स नीर)।
सांसद आदर्श ग्राम योजना से मॉडल गांव में क्या अलग है?
सांसद अपने संसदीय क्षेत्र में गांव गोद लेकर आदर्श (मॉडल गांव) के रूप में विकसित करना था। इसमें सामाजिक, आर्थिक, बुनियादी ढांचा, शासन, मानव विकास आदि। ये सामुदायिक भागीदारी और जनप्रतिनिधि नेतृत्व पर आधारित है। जबकि स्मार्ट विलेज परियोजना में गांवों को स्मार्ट तकनीक, डिजिटल सुविधाएं, नवाचार, आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर से जोड़ना है।
मुख्य तौर पर जल प्रबंधन, स्मार्ट सड़कें, सोलर लाइटिंग, डिजिटल सेवाएं, स्मार्ट स्वास्थ्य/कृषि के अलावा ये टेक्नोलॉजी आधारित विकास मॉडल है। सांसद आदर्श ग्राम योजना को केंद्र सरकार की योजना है। जिसे ग्रामीण विकास मंत्रालय चलता है। लेकिन स्मार्ट विलेज परियोजना में अलग-अलग प्रदेशों द्वारा तकनीकी संस्थानों, विश्वविद्यालयों, सीएसआर कंपनियों या वैज्ञानिक संस्थानों के सहयोग से चलाई जाती है।

