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 Governor HariBhau Bagare : 01 साल पूरा होने पर जनजाति बंधुओं से मिलना चाहते थे, टीएडी मंत्री खराड़ी के घर पहुंच गए!

Rajasthan : राज्यपाल बागडे़ ने कोटड़ा में "एक पेड़ माँ के नाम" लगाया
 

RNE Jaipur.
 

राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े का इस पद पर एक वर्ष का कार्यकाल पूरा हो गया। इस मौके पर वे जनजाति के लोगों से मिलना चाहते थे। जनजाति मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने उन्हें कोटड़ा में  “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान के अंतर्गत पौधारोपण के लिए आमंत्रित कर लिया। बस, राज्यपाल यहां पौधरोपण के साथ ही मंत्री खराड़ी के घर जा पहुंचे। बोले,  राजस्थान के राज्यपाल के रूप में 1 वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने के अवसर पर जनजाति बंधुओं के बीच जाकर उनसे वार्तालाप करना चाहता था। टीएडी मंत्री खराड़ी ने कोटडा बुलाकर यह अवसर प्रदान किया इसके लिए आभार व्यक्त करता हूं।
 

दरअसल कोटड़ा प्रवास के दौरान राज्यपाल हरिभाऊ बागडे़ ने बुधवार देर शाम पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस कोटड़ा में “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान के अंतर्गत पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मातृभूमि और प्रकृति दोनों का सम्मान हमारी संस्कृति का हिस्सा है, और एक पेड़ माँ के नाम अभियान इसी भावना को जन-जन तक पहुंचाने का एक सशक्त माध्यम है।
 

आदिवासी समाज का जुड़ाव : 
 

राज्यपाल ने जनजातीय समाज की जीवनशैली और प्रकृति से गहरे जुड़ाव का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि “आदिवासी समाज सदा से ही प्रकृति को माँ के रूप में पूजता आया है। उनके रीति-रिवाज, पर्व-त्योहार, जीवन मूल्य सब कुछ पर्यावरण के संरक्षण और सम्मान से जुड़े हुए हैं। आज हम सबके लिए यह सीखने का समय है कि प्रकृति के साथ संतुलन बनाकर कैसे जिया जाए।”
उन्होंने आमजन से अपील की कि वे भी अपनी माता की स्मृति या सम्मान में कम से कम एक पौधा अवश्य लगाएं और उसका पालन-पोषण भी करें। उन्होंने कहा कि हर पौधा एक आशीर्वाद है, और जब वह माँ के नाम से जुड़ता है तो उसका महत्व और भी बढ़ जाता है। 

 

केबिनेट मंत्री के घर पहुंचे राज्यपाल : 
 

राज्यपाल श्री बागड़े जनजाति क्षत्रीय विकास विभाग मंत्री श्री बाबूलाल खराड़ी के घर भी गए। उन्होंने खराड़ी के परिजनों से आत्मीयता से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि राजस्थान के राज्यपाल के रूप में 1 वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने के अवसर पर वे जनजाति बंधुओं के बीच जाकर उनसे वार्तालाप करना चाहते थे। टीएडी मंत्री श्री खराड़ी ने कोटडा बुलाकर यह अवसर प्रदान किया इसके लिए आभार व्यक्त करता हूं।
 

आदिवासियों ने यूं किया राज्यपाल का सम्मान : 
 

राज्यपाल हरिभाऊ बागडे के उदयपुर के सुदूर ग्राम पंचायत बिलवन कोटड़ा पहुंचने पर सरपंच शंकरलाल गमार, सुरेश खेर ने तीर कमान भेंट किया। ग्रामीणों ने परंपरागत गैर नृत्य से राज्यपाल बागड़े का सत्कार किया। राज्यपाल श्री बागड़े ने बिलवन गांव में आयोजित संवाद कार्यक्रम के दौरान ग्रामीणों से मुखातिब होते हुए कहा कि आदिवासी समाज ने महाराणा प्रताप को मुगलों के साथ युद्ध में बहुत सहायता की। उन्होंने राजा बांसिया भील, राणा पुंजा, राजा डुंगरिया भील, राजा कुशला भील, राजा कमल भील, राजा कोटिया भील आदि को याद करते हुए कहा कि समाज के इन महान लोगों के योगदान को हमें भूलना नहीं है। राणा प्रताप आज भी हमारे दिल मे हैं। 
 

दूरदराज के गांवों में जाकर आमजन से बात करने वाले पहले राज्यपाल : 
 

कार्यक्रम में जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने कहा कि राज्यपाल महोदय जनजाति समुदाय के उत्थान के लिए सदैव प्रयत्नरत हैं। दूरदराज के गांवों में जाकर आमजन से बात करने वाले पहले राज्यपाल हैं। उन्होंने कहा कि आज केंद्र और राज्य सरकार के समन्वित प्रयासों से कोटड़ा जैसे सुदूर क्षेत्र की तस्वीर सकारात्मक रूप से बदली है। पहले जंगलों से लकड़ी लाकर भोजन बनाना पड़ता था अब गैस चूल्हों से बनने लगा है। गांव-गांव तक बिजली और सड़क की पहुंच हुई है। वन क्षेत्र में अभी कुछ गांवों में परेशानियां हैं, जिन्हें दूर करने की आवश्यकता है। सरकार इसके लिए लगातार प्रयासरत है।
 

ग्रामीणों से आत्मीय संवाद
 

राज्यपाल बागड़े ने ग्रामीणों से आत्मीय संवाद किया। पीएम आवास योजना के लाभार्थी शिवम् ने बताया कि पक्के मकान बनने से प्रकृति की सुरक्षा हुई। पहले कच्चे मकानों के लिए लकड़ी काटनी पड़ती जिससे जंगल का नुकसान होता था। अब स्थिति बदल गई। लाभार्थी रमेश ने बताया कि कच्ची झोंपड़ी बारिश में ढह जाती थी। पक्का मकान मिला तो सुरक्षित हुए। विधवा रेशमी ने सरकारी योजनाओं के तहत मिले लाभ से अवगत कराते हुए बताया कि उसे पक्का मकान मिला। बच्चे पढ़ रहे, घर पर बिजली कनेक्शन भी हुआ। इसके लिए उसने सरकार का धन्यवाद ज्ञापित किया। विता देवी ने भी योजना से मिले लाभ बताए।
 

लोक संस्कृति की झलक देखकर अभिभूत: 
 

बिलवन में आयोजित संवाद कार्यक्रम के दौरान पर्यटन विभाग के तत्वावधान में लोक कलाकारों ने विभिन्न लोक नृत्य प्रस्तुत किए। ठेठ आदिवासी अंचल में पहुंच कर लोक संस्कृति की दुर्लभतम झलक पाकर राज्यपाल अभिभूत हो उठे। कार्यक्रम के दौरान लोक कलाकारों ने गरासिया लोकनृत्य से स्वागत किया। मेवाड़ की लोक संस्कृति का प्रतिबिम्ब गवरी नृत्य देखकर राज्यपाल गदगद हो उठे। कथौड़ी कलाकारों ने भी अपने परंपरागत लोक नृत्य से समां बांधा। वहीं कोटड़ा के ढोल नृत्य ने भी सभी का मनमोहा।