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Rajysabha : देश में 12सीटों पर 3 सितंबर को चुनाव, नामांकन 14 अगस्त से

राजस्थान में वेणुगोपाल की सीट हुई खाली, आंकड़ों के खेल में भाजपा भारी

RNE Network. 

देश में लोकसभा चुनाव व कुछ राज्यों की विधानसभा के उप चुनावों के बाद अब राज्यसभा के उप चुनाव होंगे। संसद के इस उच्च सदन की कुल 12 सीटों पर उप चुनाव होने हैं। ये सीटें सदस्यों के लोकसभा चुनाव जीत जाने के कारण रिक्त हुई है।

राजस्थान में भी एक सीट पर उप चुनाव होगा। यहां से राज्यसभा सदस्य कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल इस बार केरल से लोकसभा चुनाव जीत गए हैं। उनकी रिक्त सीट पर उप चुनाव होगा। इसी तरह मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया की खाली सीट पर चुनाव होना है।  इस तरह 9 राज्यों की 12 राज्यसभा सीटों पर उप चुनाव 3 सितंबर को होंगे।

नामांकन प्रक्रिया 14 अगस्त को अधिसूचना जारी होने के साथ शुरू होगी। राजस्थान में विधानसभा में बहुमत के हिसाब से इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी का चुना जाना तय है। जीते हुए प्रत्याशी का कार्यकाल जून 2026 तक रहेगा।

जानिये किस राज्य में, कितनी सीटों पर चुनाव : 

असम, बिहार, महाराष्ट्र में दो – दो व मध्यप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, त्रिपुरा, तेलंगाना व ओडिसा की एक एक सीट पर उप चुनाव होगा। अधिसूचना 14 अगस्त को जारी होगी और नामांकन 21 अगस्त तक होगा। वोटिंग 3 सितंबर को होगी और उसी दिन मतगणना भी होगी।

राजस्थान में भाजपा को जीत के लिए 98 वोट चाहिए, 114  है : 

विधायक अमृतलाल मीणा के आज हुए असामयिक दुखद निधन के बाद 200 सदस्यों वाली राजस्थान विधानसभा में अब फिलहाल 194 विधायक हैं। यहां एक सीट पर राज्यसभा का चुनाव होना है। राज्यसभा के वोटिंग फार्मूले के सारांश है कि राज्यसभा की जितनी सीटों पर चुनाव होना है उसमें एक जोड़ दो और जितने मौजूदा विधायक हैं उसके भाग दे दो। जो रिजल्ट आए उसमें फिर एक जोड़ दो। इससे जो नतीजा आए वह आंकड़ा जीत के लिए चाहिए।

इस फार्मूले के हिसाब से राजस्थान की बात की जाए तो यहां अब 194 विधायक है और राज्य सभा की एक सीट पर चुनाव होना है। ऐसे में 194 को दो से भाग देने पर नतीजा 97 में आता है। अब इसमें एक जोड़ने पर जीतने लायक आंकड़ा होगा 98 वोट। मतलब यह है कि राजस्थान की राज्यसभा सीट पर जीत के लिए प्रत्याशी को 98 वोट चाहिए। एक सदस्य के निधन के बाद राजस्थान विधानसभा में भाजपा के 114 सदस्य हैं जबकि कांग्रेस के पास 66 विधायक। ऐसे में जाहिर है कि कोई बहुत बड़ा उलटफेर न हो जाये तो भाजपा प्रत्याशी की जीत लगभग पक्की है। 15 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के पास मात्र 66 विधायक हैं। संख्या बल के हिसाब से बीजेपी की जीत तय है।