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बच्चों का स्क्रीन टाइम नियमित करने से होगा मोटापा कम, दो से चार साल के बच्चों का स्क्रीन टाइम नियमति करें

RNE Network

बच्चों में मोटापा अब भारत ही नहीं दुनिया की बड़ी समस्या बन गया है। ये समस्या बच्चो में निरंतर बढ़ती जा रही है। इसको लेकर अब दुनिया में कई तरह के अध्ययन आरंभ हो गए हैं और कुछ निष्कर्ष भी निकल रहे हैं।

बच्चों में मोटापे का एक प्रमुख कारण अत्यधिक स्क्रीन टाइम माना जा रहा है। स्क्रीन के साथ अधिक समय बिताने के कारण बच्चों की शारीरिक गतिविधि घटती जा रही है, जिससे बच्चों में वजन बढ़ने की आशंका बढ़ रही है। ऐसे में दो साल से 4.5 साल के बच्चों के स्क्रीन टाइम को नियमित करने से उनमें मोटापे का खतरा कम किया जा सकता है।

हाल ही में न्यूजीलैंड में 5700 बच्चों पर किये गए अध्ययन में पता चला है कि स्क्रीन उपयोग की गुणवत्ता, मात्रा और समय के लिए नियम लागू करना फायदेमंद हो सकता है। ये नियम बच्चों को अन्य गतिविधियों, जैसे खेल और पर्याप्त नींद के साथ संतुलित करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। डब्ल्यूएचओ का सुझाव है कि प्रीस्कूल उम्र के बच्चों का स्क्रीन टाइम प्रतिदिन एक घन्टे से ज्यादा नहीं होना चाहिए।