अमेरिका के बेथ इजरायल डेकोनेस मेडिकल सेंटर के शोध में आया सामने
- 9350 लोगों की जांच
- 50 से 60 साल की उम्र थी इनकी
RNE Network.
पार्किंसन रोग केवल मष्तिष्क की समस्या नहीं है, बल्कि यह पेट और आंतों से भी जुड़ा हो सकता है। बेथ इजरायल डेकोनेस मेडिकल सेंटर, यूएस के शोध में सामने आया है कि पेट व आंतों की बीमारियों से ग्रस्त लोगों में पार्किंसन की आशंका 76 प्रतिशत अधिक होती है।
अमरीकन मेडिकल एसोसिएशन नेटवर्क ओपन रिसर्चर्स में प्रकाशित स्टडी के अनुसार ऊपरी एंडोस्कोपी के दौरान 50 से 64 साल के 9350 लोगों की जांच की गई। इन्हें पहले से पार्किंसन की समस्या नहीं थी।
इन्हें ज्यादा खतरा
शोध में पाया गया कि जिन लोगों को गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (जीआई) म्यूकोसल क्षति होती है, उनमें पार्किंसन का खतरा ज्यादा था। म्यूकोसल क्षति से आंत की सुरक्षात्मक परत कमजोर हो जाती है, जिससे विषाक्त पदार्थ मष्तिष्क तक पहुंच जाता है।
मष्तिष्क में ऑक्सिडेटिव तनाव होता है, जिससे मष्तिष्क की कोशिकाओं को नुकसान होता है। पार्किंसन मरीजों में कब्ज होना एक आम समस्या है। इसके साथ ही मरीजों के शरीर में कंपन होता है, जिससे उन्हें चलने फिरने में दिक्कत होती है।