नदीम की कविताएं भावी पीढ़ी में सभ्यता व संस्कार का बीजारोपण करती है : वीरेंद्र लखावत
आरएनई,बीकानेर।
नदीम का काव्य संग्रह उनके अटूट ज्ञान औ विचारों का संग्रह है जो दिशाहीन को राह दिखाता है ।उक्त उद्गार ख्यातनाम स्तंभ लेखक, लघुकथा व उपन्यास के सिद्धहस्त साहित्यकार नदीम अहमद नदीम के कविता संग्रह अनकहे सच पर पुस्तक चर्चा पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि गजेंद्र कुमार जयपाल ने व्यक्त किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पेंशनर समाज के अध्यक्ष लालचंद मोयल ने कहा कि नदीम जैसे लेखक बिरले ही होते हैं। नदीम ने हर विधा पर अपनी कलम बखूबी चलाई हैं हर उम्र के पाठक उनके लेखन से बहुत कुछ सीख सकते हैं। पुस्तक पर पत्रवाचन करते हैं हुए वरिष्ठ साहित्यकार वीरेंद्र लखावत ने कहा कि नदीम की कविताएं भावी पीढ़ी में सभ्यता व संस्कार का बीजारोपण करती है। कवि कथाकार रशीद गौरी ने कहा कि अनकहे सच में कवि का यह रचना संसार उनके भीतर उपजी संवेदनाओं की अभिव्यक्ति मात्र नहीं है बल्कि एक लेखकीय दृष्टि हैं जो जीवन के यथार्थ से निश्पन्न हुई है। वरिष्ठ कवि रामस्वरूप भटनागर ने कहा की कविता संग्रह अनकहे सच यथा नाम तथा गुण को दर्शाती हैं । संग्रह नदीम की सरलता के साथ ही उनके शब्दों के अद्भुत संयोजन की खूबसूरती को बयां करता है। पूर्व खेल अधिकारी सत्तुसिंह भाटी फौजी अशोक सेन दिनेश सोलंकी सोनदान चारण महेंद्र माथुर आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।कार्यक्रम के आरंभ में अतिथियों वह पत्र वाचन कर्ताओं का फूलों की मालाओं से स्वागत किया गया। कार्यक्रम का सरस संचालन संस्था अध्यक्ष शायर कवि अब्दुल समद राही ने किया वहीं आभार की रस्म सत्तूसिंह भाटी ने अदा की।