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मन की वासनाओं का विष निकालने से कल्याण होगा :- प्रभु प्रेमी

गोसेवार्थ झोली का हुवा आयोजन

आरएनई,नोखा।

लाखोटिया प्याऊ के पास राधा देवी लाहोटी के सौजन्य से आयोजित हो रही श्रीमद् भागवत कथा मे राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त भागवत आचार्य कन्हैया लाल पालीवाल प्रभु प्रेमी महाराज ने कहा की मन का मंथन करो मन मे छुपी हुई वासना बाहर निकलेगी तो प्रसन्नता व भक्ति रूपी अमृत प्राप्त होगा जिससे मनुष्य मात्र का कल्याण होगा।

अंबरीश चरित्र के माध्यम से एकादशी का महात्मय सुनाते हुवे महाराज ने कहा की पांच ज्ञानेंद्रिया और पांच कर्मद्रीयाँ एवं एक मन इन इग्यारह को भगवान मे लगा देना ही सच्ची एकादशी है।

प्रभु प्रेमी महाराज ने कहा की भागवत मे पहले श्री राम जी का प्रकट्य होता है और इनके बाद श्रीकृष्ण जी का प्रकट्य होता है इसका अर्थ ये है की जीवन मे पहले मर्यादा आये और फिर प्रेम प्रकट हो | मर्यादा युक्त प्रेम ही श्रेष्ठ होता है | भगवान का अवतार धर्म की संस्थापना के लिए होता है | भक्तो को आनंद व दुष्टो का संहार भगवान अवतार लेकर करते है।

कथा मे श्रीकृष्ण जन्मोत्सव धूम धाम से मनाया गया। “नन्द घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की ” के उद्घोष से हजारों श्रोताओं से खचा खाच भरा पंडाल गुंजायमान हो गया। महाराज ने पुष्प और खिलोनो सा उपहार श्रोताओं को दिया। कथा यजमान राधा देवी लाहोटी व लाहोटी परिवार ने व्यास पीठ का पूजन कर बाल कृष्ण से आशीर्वाद लिया। थालिया, ढ़ोल, नगाड़े बजाये गये पुष्पों की वर्षा की गयी। सभी नाचने लगे।

श्री कृष्ण जन्मोत्सव से पहले प्रभु प्रेमी महाराज के संकल्प व प्रेरणा से गौ सेवार्थ झोली का आयोजन किया गया। झोलिया मे उपस्थित श्रोताओं द्वारा राशि गौ सेवार्थ भेंट की गयी। झोली व ओली की राशि कथा के सातवे दिन गौशालाओ को भेंट की जायेगी। सीताराम लाहोटी ने बताया की कथा व्यवस्थाओं मे जुगल किशोर, नंदकिशोर, राजू, संतोष, संगीता, सहित व्यवस्थापक सहयोग कर रहे हैं।