बीकानेर: लखोटिया चौक, डागा चौक, लालाणी चौक, नत्थूसरगेट सहित 10 जगह मेले, नृसिंहलीला देखने हजारों उमड़ेंगे
- लालाणी व्यासों के चौक में मास्टर रूपनारायणजी का ‘लाइफ टाइम अचीवमेंट’ सम्मान हुआ
आरएनई, बीकानेर।
पूरा देश आज भगवान नृसिंह का अवतरण दिवस नृसिंह जयंती के रूप में पूजा-अर्चना, अभिषेक-प्रार्थना के साथ मना रहा है लेकिन बीकानेर में इस दिन की खास रंगत नजर आ रही है। एक शहर में एक ही दिन अलग-अलग लगभग 10 जगहों पर मेले भरेंगे, नृसिंह लीलाएं होगी। इससे पहले मंदिरों मंे अभिषेक, पूजन का दौर शुरू हो चुका है। वहीं गलियों में ‘छोटे हिरणा किसना’ धूम मचाने लगे हैं।
लखोटिया चौक में पंचामृत अभिषेक:
शहर के दो सबसे पुराने और प्रमुख नृसिंह मंदिरों में से एक लखोटिया चौक के सजे-धजे मंदिर में अलसुबह पूजन-आरती हुई। बच्चों ने नगाड़े लगाकर हाथों में डंडे थाम लिये। छोटे हिरणा-किसना ने चौक और आस-पास की गलियों में धूम मचानी शुरू कर दी। इस बीच निज मंदिर में भगवान नृसिंहदेव का पंचामृत से अभिषेक शुरू हो चुका है। मंत्रोच्चार के साथ हो रहे अभिषेक में नृसिंहदेव के स्वरूप के साथ ही मंदिर में रखे जाने वाले मुखौटे की भी खास पूजा हो रही है। सालों तक नृसिंहदेव की लीला में भगवान नृसिंह का रूप धारण करने वाले रेलकर्मी नेता मनोज बिस्सा, योगेश श्रीमाली, जितेन्द्र श्रीमाली, नरसिंह व्यास, प्रहलाद व्यास, लक्ष्मीनारायण रंगा, डा.चंद्रशेखर श्रीमाली आदि विभिन्न व्यवस्थाओं में जुटे रहे।
डागा चौक में मोतीलालजी रंगा के भजन गूंज रहे:
डागा चौक के नृसिंह भगवान मंदिर मेले का उत्साह कुछ खास दिख रहा है। अलसुबह से मंत्रोच्चार गूंज रहे हैं। भगवान नृसिंहदेव के पूजन के साथ खास तौर पर टाबर-टोळी का हिरणा-किसना धूम मचा रहा है। बच्चों ने नगाड़े, झांझर पर कब्जा जमा लिया है और ‘हिरणा रे किसना गोविंदा पैळाद भजे’ यहां शाम होने वाली लीला में भगवान नृसिंह, हिरण्यकश्यप और भक्त प्रहलाद का स्वांग भरने वालों के नाम पहले से लॉटरी के जरिये तय हो गए हैं।
लालाणी व्यासों के चौक में दो दिनी उत्सव:
लालाणी व्यासों के चौक में इस बार मेले के 50वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में दो दिवसीय आयोजन हो रहे हैं। पहले दिन इस मेले के संस्थापक-संचालन रूपनारायण पुरोहित ‘मास्टरजी’ का नागरिक अभिनंदन किया गया। रामझरोखे के अधिष्ठाता सरजूदासजी महाराज, विधायक जेठानंद व्यास, पुजारी बाबा आदि की मौजूदगी में हुए समारोह में मेले में सक्रिय भागीदारी निभाने वालों को भी सम्मानित किया गया।
इस मौके पर ख्यातनाम गायक राजनारायण पुरोहित ने भजनों की खास प्रस्तुतियां दी। आयोजन से जुड़े रामकुमार पुरोहित, ललितनारायण पुरोहित ने बताया कि इस मौके पर शहर के सभी मेलों में प्रमुख किरदार निभाने वालों का सम्मान हुआ। कार्यक्रम में पत्रकार प्रमोद आचार्य, एडवोकेट राधेश्याम सेवग का खास सहयोग रहा। शाम को भरने वाले मेले की तैयारियां परवान पर हैं।
नत्थूसरगेट पर खास है भगवान नृसिंह का मंदिर:
नत्थूसरगेट पर होने वाले भगवान नृसिंहदेव के मेले और लीला से पहले यहां भी पूजा-अर्चना का दौर चल रहा है। यहां अभिषेक कर रहे श्रद्धालुओं ने बताया यहां कि आटे से बनने वाली खास किस्म की चूरमे जैसी मिठाई ‘कसार’ का भोग भगवान को लगेगा। यह मंदिर कई मायनों में खास है। खास इसलिये कि यहां मूर्ति में भगवान नृसिंहदेव के साथ माता लक्ष्मीजी भी विराजमान है। इसके साथ ही भगवन भैरवनाथ भी यहां बिराजे हैं। ऐसे में इस मंदिर को नृसिंह भैरव मंदिर भी कहते हैं।
गोगागेट की भी तैयारी:
गोगागेट स्थित ऋग्वेदी ब्राह्मण गायत्री मंदिर में जहां पूजन-अर्चन चल रहा है वहीं मंदिर के बाहर खुली जगह पर मेले की तैयारियां चल रही है। फरियों से सजे चौक में सुबह से ही बाल हिरणा-किसना की धूम मची है। यहां भी शाम को नृसिंह लीला के बाद प्रसाद वितरण होगा।
यहां भी भरेंगे मेले:
बिन्नाणी चौक स्थित दुजारियों की गली, जस्सूसरगेट, मोहता चौक सहित लगभग दर्जनभर जगह भगवान नृसिंह देव की जयंती पर विशेष आयोजन होंगे।