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आज का दिन मतदाताओं का, सोचने का अवसर, खुद का हो निर्णय, कल अवश्य करें मतदान

 
RNE, BIKANER . हाल ही में एक निजी एजेंसी ने इस बात का सर्वे किया कि भारत का मतदाता अपने वोट देने का निर्णय कब करता है। उस सर्वे का तथ्य चकित करने वाला था। लगभग 60 फीसदी लोग अपने मत का निर्णय मतदान से एक दिन पहले करते हैं। क्योंकि उससे 12 घन्टे पहले चुनाव प्रचार का शोर थम जाता है। पहले चरण में जहां मतदान होना है वहां कल शाम से प्रचार थम चुका है। हर उम्मीदवार के दावों पर भी ब्रेक लग जाता है। न विज्ञापन, न माइक, न रैली, न सभा, न नुक्कड़ सभा, कुछ भी नहीं होता। आदर्श आचार संहिता के अनुसार प्रचार थम जाता है। आज का दिन मतदाताओं का, सोचने का अवसर, खुद का हो निर्णय, कल अवश्य करें मतदान इसलिये हे दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के मालिक, आज का दिन आपके लिए है। अपने मत पर चिंतन, विचार करने के लिए है। उम्मीदवारों, दलों की घोषणाओं, उनके वादों का परीक्षण करने का है, सबके गुण- अवगुण के मूल्यांकन का है। क्यूंकि आप जिसे भी चुनेंगे, उसके हाथ में 5 साल के लिए अपनी, अपने क्षेत्र की तकदीर सौंपेंगे। लोकतंत्र को मजबूत करने का काम करेंगे। देश की दिशा तय करने का निर्णय करेंगे। ये छोटे काम नहीं, ध्यान रहे। बड़ा काम है तो सोच समझकर करें। तीन हितों को ध्यान रखें। पहला देश का हित, दूसरा लोकतंत्र का हित और तीसरा अपने क्षेत्र का हित। इन हितों की अनदेखी पछतावे के सिवा कुछ नहीं देगी। किसी एक हित को भी अनदेखा किया तो आपकी आत्मा 5 साल तक आपको माफ नहीं करेगी। आज का दिन मतदाताओं का, सोचने का अवसर, खुद का हो निर्णय, कल अवश्य करें मतदान दलों, उम्मीदवारों ने घोषणाओं, वादों से आपको लुभाने का जीतोड़ प्रयास किया होगा। कई जगहों पर उन्होंने जाति, धर्म, रिश्तेदारी का भी सहारा लिया होगा। उनको तो ये सब करना है, क्योंकि उनका लक्ष्य केवल जीतना है। जबकि मतदाता की नजर में व्यक्ति नहीं, दल नहीं, लोकतंत्र जीतना चाहिए। क्योंकि ये जीतेगा तभी विकास होगा। राष्ट्र का भी व व्यक्ति का भी। हमारे अधिकार सुरक्षित रहेंगे। हम सरकार में खुद को देखेंगे। आजादी के 75 साल बाद हमें परिपक्व मतदाता का परिचय देना ही होगा। वो मतदाता जो सोचता है, लोकतंत्र में भरोसा करता है, अपने साथ सबका विकास चाहता है। आज का दिन मतदाताओं का, सोचने का अवसर, खुद का हो निर्णय, कल अवश्य करें मतदान आज जरूर सोचें, हर पहलू पर हर दल व उम्मीदवार को परखें। अपने भूगोल, अपनी संस्कृति, अपने जीवन मूल्यों, अपनी अस्मिता, अपनी कल्पना, अपनी भाषा, अपनी परंपरा आदि की जो रक्षा में सहयोगी बने वही अपना होता है। बिना किसी के प्रभाव में आये, आप अपने स्तर पर निर्णय करें और अपनी पसंद चुनें। नारों की बाढ़ में न बहें, कोरी भावुकता के बांझ बंधन में न फंसे, वादों की हकीकत को भी पहचानें, ये पहचान सोच व चिंतन के साथ करेंगे तो निर्णय तक सुगमता से पहुंचेंगे। आज का दिन मतदाताओं का, सोचने का अवसर, खुद का हो निर्णय, कल अवश्य करें मतदान हे मतदाता! एक अनुरोध आपसे और है। हमारे संविधान ने हमें 5 साल में एक बार उपयोग करने के लिए मत का अधिकार दिया है। ये बहुत बड़ा अधिकार है, कई देशों के नागरिकों को तो ये मिला हुआ भी नहीं है। अपने मत का उपयोग करें, हरहाल में करें। अपनी पसंद जो आपने सोचकर तय की है, उसे दें। मगर किसी भी सूरत में इस अधिकार को न गवांए। अधिकार का उपयोग ही अधिकार को मजबूती देता है। हे मतदाता, मत जरूर दें। अपने क्षेत्र को मतदान प्रतिशत में अव्वल बनायें। लोकतंत्र इसी से तो मुस्कुरायेगा, मजबूत होगा और हर भारतवासी को वापस खुशियां लौटायेगा। - मधु आचार्य ' आशावादी ' आज का दिन मतदाताओं का, सोचने का अवसर, खुद का हो निर्णय, कल अवश्य करें मतदान