Sir Gangaram Hospital में हुआ अनूठा ट्रांसप्लांट, रिटायर्ड वाइस प्रिंसिपल के हाथ राजकुमार को लगाये
 Mar 6, 2024, 19:11 IST
                                                    
                                                
                                            आरएनई, नेटवर्क। ट्रेन हादसे में दोनों हाथ गंवाने वाले व्यक्ति को डॉक्टरों ने ट्रांसप्लांट के जरिए दोनों हाथ दोबारा लगा दिए। इतना ही नहीं ये हाथ भी एक महिला के हैं जिसके निधन पर घरवालों ने ट्रांसप्लांट के लिए देहदान कर दी। मामला राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल का है। हाथ ट्रांसप्लांट हो जाने पर लगभग छह सप्ताह अस्पताल में बिताने के बाद शख्स को गुरुवार को अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी। 
 
 ये हैं पूरा मामला जानकारी के अनुसार दिल्ली के नांगलोई के रहने वाले राजकुमार पेशे से पेंटर हैं। वह अपनी साइकिल पर अपने घर के पास रेलवे ट्रैक पार कर रहे थे, इसी बीच वह ट्रैक पर गिर गए और ट्रेन के नीचे आ गए। इस हादसे में उनके दोनों हाथ चले गए थे। इसके बाद राज कुमार अपनी रोजमर्रा की गतिविधियों के लिए दूसरों पर निर्भर हो गए। परिवार की हालात दिन-ब-दिन खराब होती चली गई। 
 एकमात्र विकल्प यही था चिकित्सा सुविधा में प्लास्टिक और कॉस्मेटिक सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. महेश मंगल ने कहा कि उनके पास एकमात्र विकल्प या तो प्रोस्थेटिक्स का उपयोग या हाथ ट्रांसप्लांट था। इस पर पेंटर राजकुमार ने प्रोस्थेटिक्स का उपयोग करना शुरू कर दिया, लेकिन उनका प्रोस्थेटिक ट्रायल असफल रहा। इसके बाद उनके पास ट्रांसप्लांट ही एक मात्र विकल्प बचा। जिससे उसके दोनो हाथ दोबारा लगाए गए हैं। 
 जनवरी में हुई सर्जरी : राजकुमार के लिए एक उम्मीद की किरण जगी, जब दिल्ली के एक स्कूल की रिटायर्ड वाइस-प्रिंसिपल के परिवार के सदस्यों ने उनकी मृत्यु के बाद उनके अंग दान करने की इच्छा व्यक्त की। इसके बाद डॉक्टरों ने सर्जरी करके 19 जनवरी को रिटायर्ड वाइस-प्रिंसिपल के हाथों को राजकुमार के हाथों में ट्रांसप्लांट किया गया। डॉक्टरों के इस करिश्मे से पेंटर राजकुमार को फिर से एक नई जिंदगी मिल गई है। 
 
 
                                            
 
 ये हैं पूरा मामला जानकारी के अनुसार दिल्ली के नांगलोई के रहने वाले राजकुमार पेशे से पेंटर हैं। वह अपनी साइकिल पर अपने घर के पास रेलवे ट्रैक पार कर रहे थे, इसी बीच वह ट्रैक पर गिर गए और ट्रेन के नीचे आ गए। इस हादसे में उनके दोनों हाथ चले गए थे। इसके बाद राज कुमार अपनी रोजमर्रा की गतिविधियों के लिए दूसरों पर निर्भर हो गए। परिवार की हालात दिन-ब-दिन खराब होती चली गई। 
 एकमात्र विकल्प यही था चिकित्सा सुविधा में प्लास्टिक और कॉस्मेटिक सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. महेश मंगल ने कहा कि उनके पास एकमात्र विकल्प या तो प्रोस्थेटिक्स का उपयोग या हाथ ट्रांसप्लांट था। इस पर पेंटर राजकुमार ने प्रोस्थेटिक्स का उपयोग करना शुरू कर दिया, लेकिन उनका प्रोस्थेटिक ट्रायल असफल रहा। इसके बाद उनके पास ट्रांसप्लांट ही एक मात्र विकल्प बचा। जिससे उसके दोनो हाथ दोबारा लगाए गए हैं। 
 जनवरी में हुई सर्जरी : राजकुमार के लिए एक उम्मीद की किरण जगी, जब दिल्ली के एक स्कूल की रिटायर्ड वाइस-प्रिंसिपल के परिवार के सदस्यों ने उनकी मृत्यु के बाद उनके अंग दान करने की इच्छा व्यक्त की। इसके बाद डॉक्टरों ने सर्जरी करके 19 जनवरी को रिटायर्ड वाइस-प्रिंसिपल के हाथों को राजकुमार के हाथों में ट्रांसप्लांट किया गया। डॉक्टरों के इस करिश्मे से पेंटर राजकुमार को फिर से एक नई जिंदगी मिल गई है। 
 
 

                                                