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किसान, माकपा और आप का श्रीगंगानगर में रहेगा चुनावी असर, कांटे की टक्कर में उलझी सीट

 
RNE, BIKANER. बीकानेर संभाग की दूसरी एससी के लिए आरक्षित सीट श्रीगंगानगर पर मुकाबला कांटे का हो गया है। हर दिन बदलने वाले समीकरण इस बात को दर्शाते हैं कि कांग्रेस या भाजपा, दोनों के लिए राह इतनी आसान नहीं है। तीन चुनावों के बाद पहली बार इस सीट पर इतना निकट का मुकाबला होता दिख रहा है। यदि विधानसभा चुनाव के परिणाम देखें तो यहां कांग्रेस का वर्चस्व रहा। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद श्रीकरणपुर में उप चुनाव हुआ। जिसमें भाजपा ने सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी को उतारा और परिणाम आने से पहले ही उन्हें राज्य सरकार में मंत्री बना दिया। मगर वे चुनाव हार गये। इस संसदीय सीट की भाजपा केवल 2 विधानसभा सीट जीत सकी थी। किसान, माकपा और आप का श्रीगंगानगर में रहेगा चुनावी असर, कांटे की टक्कर में उलझी सीट विधानसभा चुनाव परिणामों के कारण कांग्रेस इस सीट को लेकर ज्यादा उत्साहित है और उसने टिकट बदलते हुए युवा नेता कुलदीप इंदौरा को मैदान में उतारा है। दूसरी तरफ भाजपा ने पिछली बार भारी मतों से जीते निहालचंद मेघवाल का टिकट काट दिया और युवा प्रियंका बालान को चुनावी समर में उतार दिया। श्रीगंगानगर की सीट पंजाब से सटी है और यहां सिख मतदाता भी है, जिन पर आप का प्रभाव है। वे मतदाता चुनावी गणित को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। ठीक इसी तरह किसान आंदोलन का भी इस क्षेत्र में गहरा असर है। देश में जब किसान आंदोलन हुआ तो उसका सर्वाधिक असर इसी जिले में देखने को मिला था। वो भी चुनाव पर असर तो डालेगा। इस बार राजस्थान में माकपा व कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। विधानसभा में समझौता नहीं था तो भादरा की सीट माकपा व कांग्रेस को गंवानी पड़ी। मत विभाजन का फायदा भाजपा को मिल गया और वो चुनाव जीत गई। किसान, माकपा और आप का श्रीगंगानगर में रहेगा चुनावी असर, कांटे की टक्कर में उलझी सीट इस सीट पर जहां कांग्रेस को आप, किसान आंदोलन व माकपा का साथ मिल रहा है वहीं कांग्रेस का यहां परंपरागत वोट बैंक भी है। कांग्रेस उम्मीदवार को इन तीनों फेक्टर का वोट मिलेगा या नहीं, ये समय बतायेगा। ये तीन फेक्टर तो है मगर वोट भी इनके शिफ्ट होने जरूरी है। यदि ऐसा नहीं हुआ तो फिर मुश्किल होगी। भाजपा के लिए इस सीट पर चिंता की बात है निहालचंद व उनकी टीम की चुप्पी। हालांकि निहाल ने टिकट कटने पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है मगर उनके समर्थकों की चुप्पी भाजपा के लिए चिंता का सबब बनी हुई है। जिसका भी असर पड़ेगा। भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में जो बड़ी बात है वो है युवा व नया चेहरा होना। किसान, माकपा और आप का श्रीगंगानगर में रहेगा चुनावी असर, कांटे की टक्कर में उलझी सीट उनसे कोई एन्टीनकम्बेंसी नहीं जुड़ी हुई है। उनकी सक्रियता भी उनको लाभ देगी। मगर वर्तमान स्थिति को देखते हुए ये तो स्पष्ट लगता है कि यहां मुकाबला दोनों युवा उम्मीदवारों के बीच कांटे का है और एक एक वोट के लिए मशक्कत हो रही है। जो उम्मीदवार बूथ मजबूत कर वोट ले आयेगा, वो आगे रहेगा। फिलहाल कांटे की टक्कर में कुछ भी कहने से लोग बच रहे हैं। - मधु आचार्य ' आशावादी ' किसान, माकपा और आप का श्रीगंगानगर में रहेगा चुनावी असर, कांटे की टक्कर में उलझी सीट किसान, माकपा और आप का श्रीगंगानगर में रहेगा चुनावी असर, कांटे की टक्कर में उलझी सीट