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Israel-Iran tension : वामदलों की मांग, गाजा में इजरायली नरसंहार की निंदा करे मोदी सरकार

 
Israel-Iran tension : वामदलों की मांग, गाजा में इजरायली नरसंहार की निंदा करे मोदी सरकार
  • CPI, (CPI (M), ML, CPI-ML), AIFB, RSP ने संयुक्त बयान जारी किया
  • India's left parties mobilized against Israel!
  • 17 जून को फिलिस्तीन के साथ एकजुटता राष्ट्रीय दिवस मनाएँ
  • गाजा में इजरायली नरसंहार की निंदा करें 
  • भारत के रुख में बदलाव की माँग
RNE New Delhi. इजरायल की ओर से गाजा में की जा रही सैन्य कार्रवाई को नरसंहार की संज्ञा देते हुए भारत के वामदलों ने इसकी कड़ी निंदा की है। एक साझा बयान में वामदलों ने मोदी सरकार से मांग की है कि भारत अपना रूख बदले और इजरायल की निंदा करें। वामदलों ने इस मुद्दे पर 17 जून को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन की घोषणा की है। Israel-Iran tension : वामदलों की मांग, गाजा में इजरायली नरसंहार की निंदा करे मोदी सरकार इतने वामदलों ने जारी किया साझा बयान :  साझा बयान पर हस्ताक्षर करने वालों में डी. राजा, महासचिव, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई), एम.ए. बेबी, महासचिव, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) – सीपीआई (एम), दीपांकर भट्टाचार्य, महासचिव, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन – सीपीआई (एमएल), जी. देवराजन महासचिव, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक (एआईएफबी), मनोज भट्टाचार्य, महासचिव, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) आदि शामिल हैं। जानिए क्या लिखा है साझा बयान में :  साझा बयान में कहा गया है कि "हम गाजा में फिलिस्तीनी लोगों के खिलाफ इजरायली सरकार द्वारा छेड़े जा रहे नरसंहार युद्ध की कड़ी निंदा करते हैं। पिछले बीस महीनों से, इजरायल की लगातार बमबारी और सैन्य आक्रमण ने 55,000 से अधिक फिलिस्तीनियों को मार डाला है - जिनमें से अधिकांश महिलाएँ और बच्चे हैं। आवश्यक बुनियादी ढाँचे, अस्पतालों, स्कूलों और शरणार्थी आश्रयों को जानबूझकर निशाना बनाया गया है, जिससे गाजा के लोगों को अभूतपूर्व मानवीय तबाही में धकेल दिया गया है। यह नरसंहार से कम नहीं है। सबसे अमानवीय बात यह है कि इजरायल गाजा में सहायता पहुंचाने से भी इनकार कर रहा है।" Israel-Iran tension : वामदलों की मांग, गाजा में इजरायली नरसंहार की निंदा करे मोदी सरकार घेराबंदी समाप्त हो :  इन दलों ने कहा है "हम अंतर्राष्ट्रीय जल में फ्रीडम फ्लोटिला गाजा के मानवीय जहाज मैडलीन पर इजरायल के हमले की भी निंदा करते हैं। हम भारत सरकार से आग्रह करते हैं कि वह हिरासत में लिए गए सभी अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवकों की रिहाई की मांग करे, गाजा को निर्बाध मानवीय सहायता सुनिश्चित करे और अमानवीय घेराबंदी को तत्काल समाप्त करने का आह्वान करे।" अमेरिका के सहयोग का आरोप :  संयुक्त राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय सहित वैश्विक आक्रोश बढ़ने के बावजूद, नेतन्याहू सरकार संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके कुछ सहयोगियों के समर्थन से दंड से मुक्त होकर अपना क्रूर अभियान जारी रखे हुए है। राफा पर हाल ही में हुए हमले में पहले से ही विस्थापित सैकड़ों हज़ारों फ़िलिस्तीनियों को फिर से विस्थापित करना, अंतर्राष्ट्रीय कानून, मानवाधिकारों और बुनियादी मानवता के प्रति इजरायल सरकार की घोर उपेक्षा को दर्शाता है। अंतर्राष्ट्रीय जल से फ्रीडम फ्लोटिला को अपहृत किए जाने का नवीनतम उदाहरण व्यापक विरोध को जन्म दे रहा है। Israel-Iran tension : वामदलों की मांग, गाजा में इजरायली नरसंहार की निंदा करे मोदी सरकार भारत के रुख पर सवाल :  इन नेताओं ने कहा है "यह बेहद परेशान करने वाला है कि भारत सरकार, फ़िलिस्तीनी मुद्दे के साथ दृढ़ता से खड़े होने के बजाय इज़रायली हमलावर के प्रति संदेह और तुष्टिकरण का रुख अपनाया है। यह भारत की दीर्घकालिक विदेश नीति से एक शर्मनाक विचलन है, जो उपनिवेशवाद विरोधी एकजुटता और राष्ट्रीय मुक्ति आंदोलनों के समर्थन पर आधारित है।" 17 जून को प्रदर्शन :  वामपंथी दलों ने सभी शांतिप्रिय, लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष ताकतों से आह्वान किया हैं कि वे 17 जून 2025 को पूरे देश में फिलिस्तीन के साथ राष्ट्रीय एकजुटता दिवस में शामिल हों। दिल्ली में, 17 जून को सुबह 11 बजे जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया जाएगा। मुद्दे ये हैं :  इज़राइली सरकार द्वारा किए गए नरसंहार और युद्ध अपराधों की निंदा करें। राष्ट्रवाद, सम्मान और स्वतंत्रता के लिए उनके न्यायपूर्ण संघर्ष में फिलिस्तीन के लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त करें। मांग करें कि भारत सरकार फिलिस्तीनी मुद्दे के प्रति हमारे ऐतिहासिक समर्थन के अनुरूप एक सैद्धांतिक रुख अपनाए और इज़राइल के साथ सभी सैन्य और सुरक्षा सहयोग को तुरंत बंद करे। नरसंहार, रंगभेद और कब्जे के खिलाफ भारत के लोगों की आवाज उठाने के लिए एकजुटता प्रदर्शन में व्यापक भागीदारी का आग्रह करते हैं। Israel-Iran tension : वामदलों की मांग, गाजा में इजरायली नरसंहार की निंदा करे मोदी सरकार