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किरोड़ी का मसला उलझा, अपने ही मंत्रियों को उलझा रहे विधायक, भाजपा में सब ठीक नहीं

 
किरोड़ी का मसला उलझा, अपने ही मंत्रियों को उलझा रहे विधायक, भाजपा में सब ठीक नहीं
RNE, State Bureau.  उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड में तो अब भाजपा का भीतरी संघर्ष चौड़े आ गया है, वहीं राजस्थान में भी भाजपा के भीतर सब कुछ ठीक नहीं। यूपी में विधायक, मंत्री व पदाधिकारी जहां खुलकर राज्य सरकार की आलोचना करने से परहेज नहीं कर रहे वहीं मंत्री भी बुलडोजर सहित अनेक नीतियों पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। सीएम योगी व डिप्टी सीएम केशव मौर्य के बीच तो शीत युद्ध चल ही रहा है। किरोड़ी का मसला उलझा, अपने ही मंत्रियों को उलझा रहे विधायक, भाजपा में सब ठीक नहीं अब उत्तराखंड भी इस श्रेणी में आ गया है। पूर्व सीएम तीरथ ने तो सार्वजनिक रूप से पार्टी की नीति पर ही सवाल खड़े कर दिए। विधानसभा की दोनों सीटें हारने के बाद तीरथ ने कहा कि पार्टी को बाहरी नेता राज्य में नहीं थोंपने चाहिए। उत्तराखंड की बदरीनाथ सीट की हार पर अनेक भाजपा नेताओं ने सीएम धामी की नीतियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पार्टी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का सवाल यूपी व उत्तराखंड में भाजपा के सामने विकराल रूप ले चुका है। इससे कांग्रेस व सपा को भी सरकार व भाजपा पर हमलावर होने का अवसर मिल गया है। किरोड़ी का मसला उलझा, अपने ही मंत्रियों को उलझा रहे विधायक, भाजपा में सब ठीक नहीं राजस्थान में भीतर की अंतर्कलह को सबसे पहले शुभकरण चौधरी बाहर लाये, फिर तो देवीसिंह भाटी, कोली आदि भी बोलने लग गये। वसुंधरा खेमे के विधायक व नेता मौन साधे हैं मगर उनका मौन भी पार्टी व भजनलाल सरकार पर भारी पड़ रहा है। राज्य में भाजपा लोकसभा में 11 सीटें हारी और दो विधानसभा उप चुनाव हारे। 5 सीटों के उप चुनाव होने हैं और नेताओं के बीच टकराहट है। अंतर्कलह अब तो लोगों को साफ साफ दिखने भी लग गई है। इस कलह में कृषि मंत्री व दिग्गज नेता किरोड़ीलाल मीणा के मंत्री पद से इस्तीफे ने बड़ी भूमिका निभा दी है। सीएम ने अभी तक उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया मगर वे सार्वजनिक रूप से बारबार इस्तीफे की बात दोहरा रहे हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा से भी मिल लिए, मगर इस्तीफे के निर्णय पर अडिग है। इस्तीफे के कारणों को लेकर राजनीतिक हलके में जो चर्चाएं है, वे भी अंतर्कलह को ही प्रकट कर रही है। किरोड़ी का मसला उलझा, अपने ही मंत्रियों को उलझा रहे विधायक, भाजपा में सब ठीक नहीं दो दिन पहले दौसा में भाजपा जिला कार्यसमिति की बैठक हुई। किरोड़ी बाबा दूसरे सत्र में पहुंचे और साफ कहा कि मैं मंत्री नहीं विधायक की हैसियत से भाग लेने आया है। जिन 5 सीटों पर उप चुनाव होना है उसमें दौसा व टोंक की सीटें शामिल है, जो बाबा का इलाका है। इसी कारण उनका इस्तीफा अब भारी पड़ रहा है। बाबा की नाराजगी की असली वजह भी सामने नहीं आ रही है। इतना ही कहा जा रहा है कि अंतर्कलह वजह है।

विधानसभा में फ्लोर पर जहां विपक्ष ज्यादा हमलावर है वहीं सत्ता पक्ष के विधायक भी अपने मंत्रियों को घेरने में लगे हैं। ऐसे ऐसे सवाल भाजपा के विधायक अपने मंत्रियों से पूछ रहे हैं जिनसे सरकार कटघरे में आ रही है। विपक्ष जब हमला करता है तो ये विधायक चुप रहते हैं। कुल मिलाकर भाजपा की अंतर्कलह विधानसभा उप चुनावों पर असर तो डालेगी। इसे थामे बिना पार्टी पूरी शक्ति से चुनावी संग्राम नहीं कर सकती।

किरोड़ी का मसला उलझा, अपने ही मंत्रियों को उलझा रहे विधायक, भाजपा में सब ठीक नहीं  

-- मधु आचार्य ' आशावादी '