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राठौड़ की नियुक्ति कर भाजपा ने सबको झटका दिया, राजे को संदेश, संघनिष्ठ को प्राथमिकता

 
राठौड़ की नियुक्ति कर भाजपा ने सबको झटका दिया, राजे को संदेश, संघनिष्ठ को प्राथमिकता
राठौड़ की नियुक्ति कर भाजपा ने सबको झटका दिया, राजे को संदेश, संघनिष्ठ को प्राथमिकता मनोज आचार्य RNE, State Bureau   भाजपा नेतृत्त्व ने राजस्थान भाजपा का अध्यक्ष मदन राठौड़ को बना सबको सकते में डाल दिया है। जमीनी कार्यकर्ता के रूप में अपनी राजनीति की शुरुआत करने वाले राठौड़ ने सार्वजनिक जीवन संघ के कार्यकर्ता के रूप में शुरू किया था। उनको अध्यक्ष बना भाजपा नेतृत्त्व ने कई राजनीतिक संकेत एक साथ दिए हैं। इशारों में एक तरफ जहां पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को मैसेज दिया गया है वहीं ये भी जता दिया कि सरकार के कामकाज पर भी नेतृत्त्व की पूरी नजर है। संघ को लेकर भी अपना नजरिया साफ कर दिया। राठौड़ की नियुक्ति कर भाजपा ने सबको झटका दिया, राजे को संदेश, संघनिष्ठ को प्राथमिकता राठौड़ की नियुक्ति से राज्य की राजनीति में अचानक नया मोड़ आया है। इस पद के लिए राजेन्द्र राठौड़, सतीश पूनिया, राजेन्द्र गहलोत, किरोड़ीलाल मीणा व राजे तक के नाम चर्चा में थे। उन सबको दरकिनार कर नेतृत्त्व ने राठौड़ पर भरोसा जताया। उनका महत्त्व तो इसी बात से समझा जा सकता है कि अचानक से उन्हें राज्यसभा भेजा गया। राठौड़ की नियुक्ति कर भाजपा ने सबको झटका दिया, राजे को संदेश, संघनिष्ठ को प्राथमिकता राठौड़ और राजे, दोनों को सदा अलग अलग ही देखा गया है राज्य की राजनीति में। सत्तर वर्षीय राठौड़ अनुभवी नेता है और पाली जिले के सुमेरपुर कस्बे से राजनीति शुरू कर सर्वोच्च सदन तक पहुंचे हैं। वे नगरपालिका सदस्य रहे और अध्यक्ष भी। विधानसभा में उप मुख्य सचेतक भी रहे। राजे के वर्चस्व के समय उनका टिकट भी कटा तब उन्होंने बगावत का सुर भी बुलंद किये। उस समय बताते हैं पीएम मोदी ने भी उनसे बात की और मनाया। ये उस समय बड़ी खबर बनी थी। बाद में ही उन्हें राज्यसभा के लिए चुना गया। इस बार लोकसभा चुनाव में भाजपा 11 सीट हार गई। उसके बाद से राज्य को लेकर नेतृत्त्व चिंतन कर रहा था और संगठन व सरकार पर नजर बनाये हुए था। उसी की परिणीति अध्यक्ष के रूप में मदन राठौड़ की नियुक्ति है। राठौड़ की नियुक्ति कर भाजपा ने सबको झटका दिया, राजे को संदेश, संघनिष्ठ को प्राथमिकता भाजपा राज्य के अपने वर्चस्व को फिर से पाने के लिए उन्हें लेकर आई है। राठौड़ की पिछले दिनों मोदी व अमित शाह से मुलाकात का असर अब दिखा है। इस बीच सांसद घनश्याम तिवाड़ी की भी केंद्र के नेताओं में पैठ बढ़ी है और उनसे भी काफी चर्चा हुई है। मूल ओबीसी के राठौड़ की नियुक्ति से भाजपा संघ का साथ लेकर पार्टी का वर्चस्व फिर से बनाने की कोशिश में है। अब राठौड़ सबको कितना साध पाते हैं, ये समय की कसौटी पर है। मगर इतना तय है कि भाजपा ने उनको अध्यक्ष बना बड़ा दाव खेला है। राठौड़ की नियुक्ति कर भाजपा ने सबको झटका दिया, राजे को संदेश, संघनिष्ठ को प्राथमिकता