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माँ रोटी बैंक : 89 महीनों से जरूरतमंदों के लिए भोजन का इंतजाम कर रहे इकबाल

 
RNE Bikaner. टैंट के नीचे टेबल-कुर्सी लगे हैं। लोग आते हैं। बैठते हैं। यहाँ मौजूद व्यक्ति बगैर पूछे थाली लगाता है। मनुहार कर भोजन करवाता है। हाथ जोड़ विदा करता है। यूं एक-एक कर जरूरतमन्द आते रहते हैं। तृप्त होकर दुआएं देते जाते हैं। माँ रोटी बैंक : 89 महीनों से जरूरतमंदों के लिए भोजन का इंतजाम कर रहे इकबाल ये दृश्य है बीकानेर में पीबीएम हॉस्पिटल के सामने चल रहे माँ रोटी बैंक का। नाम से ही जाहीर है ऐसा बैंक जहां आप सक्षम हैं तो रोटी जमा करवा सकते हैं। मतलब की भोजन व्यवस्था में सहयोग कर सकते हैं। दूसरी ओर जरूरतमन्द आकर भोजन कर सकते हैं, वह भी प्यार और मनुहार से। माँ रोटी बैंक : 89 महीनों से जरूरतमंदों के लिए भोजन का इंतजाम कर रहे इकबाल बीकानेर के एक युवा मोहम्मद इकबाल ने रोटी बैंक का यह बीड़ा उठाया तो सेवा का धर्म निभाते हुए 89 महीने गुजार दिये। यानी 07 साल 05 महीने से हर दिन जरूरतमंद मरीजों-परिजनों के लिए यहां भोजन का इंतजाम उनके प्रयासों से हो रहा है। आज भी एक बच्चा अरमान खान भोजन करवा रहा है और वह भी अपने घर से बनवाकर लाया खाना। माँ रोटी बैंक : 89 महीनों से जरूरतमंदों के लिए भोजन का इंतजाम कर रहे इकबाल इकबाल कहते हैं, पिता के कहने पर यह सेवा शुरू की। लगातार लोगों का सहयोग मिल रहा है, और जरूरतमंदों के लिए भोजन का इंतजाम हो रहा है। वे कहते हैं, यहां कोई भोजन सामग्री मुहैया करवा देता है तो कोई अपने प्रियजनों की स्मृति या विशेष दिन खाना परोसना चाहते हैं। गौरतलब है कि मोहम्मद इकबाल को बीकानेर में उस वक़्त भी याद किया जाता है जब कहीं सांप निकल आता है। माँ रोटी बैंक : 89 महीनों से जरूरतमंदों के लिए भोजन का इंतजाम कर रहे इकबाल इकबाल बताते हैं, सेवा में सोहन लाल विश्नोई सचिन क्वात्रा,महावीर मिन्नी,मोहम्मद रफीक गुडु,खान,अनिल डागा ,हाजी मोहम्मद यूनुस छींपा, अहमद कबाड़ी, निधि प्रशांत सतीश अरोड़ा, राधाकिश शर्मा, दीपक जोरा आदि सेवा में तत्पर रहने वाले लोगों में शामिल हैं। माँ रोटी बैंक : 89 महीनों से जरूरतमंदों के लिए भोजन का इंतजाम कर रहे इकबाल

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