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पुष्करणा सावा 2024 : सावे को साकार करने बीकानेर पहुंच गये है प्रवासी बीकानेरी

 
पुष्करणा सावा 2024 : सावे को साकार करने बीकानेर पहुंच गये है प्रवासी बीकानेरी

' सारा गगन मंडप है, पूरा शहर ' बाराती

पुष्करणा सावा 2024 : सावे को साकार करने बीकानेर पहुंच गये है प्रवासी बीकानेरी अभिषेक आचार्य आरएनई, बीकानेर।  बीकानेर के भीतरी शहर की चहल पहल व रौनक को देखकर गीत की पंक्तियां याद आ जाती है-- ' सारा गगन मंडप है, पूरा शहर बाराती '। ये उत्साह भरी रौनक है पुष्करणा सावे के कारण। जिसे आम लोग पुष्करणा ओलंपिक के नाम से जानते हैं। पुष्करणा सावा 2024 : सावे को साकार करने बीकानेर पहुंच गये है प्रवासी बीकानेरीओलंपिक इसलिए कहा जाता है क्योंकि ये सेवा पहले चार साल से ओलंपिक खेलों की तरह आता था। मगर अब पुष्करणा समाज ने 4 साल की अवधि को अधिक मान इसकी अवधि में परिवर्तन कर चुके हैं। अब सावा हर दो साल बाद आता है, मगर इससे जुड़ा ओलंपिक शब्द फिर भी पृथक नहीं हुआ है। पुष्करणा सावा 2024 : सावे को साकार करने बीकानेर पहुंच गये है प्रवासी बीकानेरीपुष्करणा सावा 2024 : सावे को साकार करने बीकानेर पहुंच गये है प्रवासी बीकानेरी सारा गगन मंडप है...  पुष्करणा सावा 2024 : सावे को साकार करने बीकानेर पहुंच गये है प्रवासी बीकानेरीये यूं ही नहीं कहा जाता। कल यानी 18 फरवरी को जितनी भी शादियां होगी, उनको एक छत के नीचे हुई शादियां ही माना जायेगा। भले ही वो शादी पुष्करणा समाज से इतर दूसरे समाज की क्यों न हो। ये बात केवल कहने भर की नहीं है, कानूनन है। राज्य सरकार कल होने वाली हर समाज की शादी को इसी रूप में स्वीकारने का आदेश वर्षों पहले निकाल चुकी है।एक छत मानकर सरकार सुविधा, सहायता भी इसी आधार पर प्रदान करती है। कोई समाज सेवी, भामाशाह जितना भी सहयोग करता है वो भी जाति या समाज नहीं देखता। सबको एक मान सहयोग करता है। ये सद्भाव शायद ही किसी ओर शहर में देखने को मिले। अनूठा है इसीलिए पुष्करणा ओलंपिक। पुष्करणा सावा 2024 : सावे को साकार करने बीकानेर पहुंच गये है प्रवासी बीकानेरीहर घर मे है शादी... पुष्करणा सावा 2024 : सावे को साकार करने बीकानेर पहुंच गये है प्रवासी बीकानेरीशहर के भीतर किसी भी मोहल्ले, चोक, गली, घाटी में चले जाइये। हर घर शादी में मशगूल दिखेगा। ऐसा लगेगा कि हर घर में शादी है। किसी के लड़के या लड़की, किसी के भाई या बहन, किसी के भांजे या भांजी, किसी के भतीजे या भतीजी, किसी न किसी की शादी है और वो पूरे मनोयोग से उससे जुड़ा हुआ भी है। पुष्करणा सावा 2024 : सावे को साकार करने बीकानेर पहुंच गये है प्रवासी बीकानेरीरिश्तों की गांठे इतनी मजबूत और इतनी अधिक है कि हर घर शादी से जुड़ा रहता है निश्चित रूप से। मित्र, साथी आदि का दर्जा भी यहां घर के समान है। रिश्तों की इतनी जीवंतता शायद ही भारत में कहीं देखने को मिले। काश, देश का हर शहर ऐसा हो जाये। कमाल हो जाये फिर तो। पुष्करणा सावा 2024 : सावे को साकार करने बीकानेर पहुंच गये है प्रवासी बीकानेरीपुष्करणा सावा 2024 : सावे को साकार करने बीकानेर पहुंच गये है प्रवासी बीकानेरी शादी की सफलता सुनिश्चित...पुष्करणा सावा 2024 : सावे को साकार करने बीकानेर पहुंच गये है प्रवासी बीकानेरी ये सार्वकालिक व शाश्वत तथ्य है कि पुष्करणा सावे में हुई शादियों की सफलता निश्चित है। इस बात को आंकड़ों से समझा जा सकता है। समाजसेवी, उद्यमी राजेश चुरा के मुताबिक जिन लोगों की सावे में शादी हुई है उनमें से एक प्रतिशत लोगों में भी तलाक नहीं हुआ है। भौतिक युग में ये आंकड़ा चकित करने वाला है और देश ही नहीं दुनिया को सीख देने वाला है। विवाह की सफलता तय होने की खास वजह है। पुष्करणा सावा 2024 : सावे को साकार करने बीकानेर पहुंच गये है प्रवासी बीकानेरीजब पुष्करणा सावे की तिथि तय होती है तो उसे तय करने के लिए पंडित व विद्वान लोग बैठते हैं। शास्त्रार्थ होता है। लंबी चर्चा के बाद तिथि तय होती है। जब इतने पंडितों की एक राय से सावा तय होता है तब उसमें होने वाली शादी की सफलता तो निश्चित है। ईश्वर भी तो अपना आशीर्वाद देता है इस दिन विवाह में बंधने वाले जोड़ों को। पुष्करणा सावा 2024 : सावे को साकार करने बीकानेर पहुंच गये है प्रवासी बीकानेरी प्रवासी बीकानेरी आ गये...पुष्करणा सावा 2024 : सावे को साकार करने बीकानेर पहुंच गये है प्रवासी बीकानेरी रोजी रोटी की तलाश में देश के अलग अलग हिस्सों में जाकर बसे पुष्करणा समाज के प्रवासी सावे के दिन बीकानेर आते हैं। क्योंकि किसी न किसी रिश्तेदार, परिजन की शादी तो होती ही है। नजदीक का हो या दूर का रिश्तेदार, सावा है तो बीकानेर आयेंगे ही। पुष्करणा सावा 2024 : सावे को साकार करने बीकानेर पहुंच गये है प्रवासी बीकानेरीइन दिनों उनकी ही रौनक है। ताज्जुब होगा कि इस सावे को देखने अन्य समाजों के वे लोग जो दूर जाकर बस गये है, वे भी बीकानेर आये हैं। हर सावे में आते हैं। इस तरह के मानवीय संबंध कहीं अन्यत्र देखने को नहीं मिलते। पुष्करणा सावा 2024 : सावे को साकार करने बीकानेर पहुंच गये है प्रवासी बीकानेरी पुष्करणा सावा 2024 : सावे को साकार करने बीकानेर पहुंच गये है प्रवासी बीकानेरी पुष्करणा सावा 2024 : सावे को साकार करने बीकानेर पहुंच गये है प्रवासी बीकानेरी पुष्करणा सावा 2024 : सावे को साकार करने बीकानेर पहुंच गये है प्रवासी बीकानेरी पुष्करणा सावा 2024 : सावे को साकार करने बीकानेर पहुंच गये है प्रवासी बीकानेरी पुष्करणा सावा 2024 : सावे को साकार करने बीकानेर पहुंच गये है प्रवासी बीकानेरी पुष्करणा सावा 2024 : सावे को साकार करने बीकानेर पहुंच गये है प्रवासी बीकानेरी