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वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक पर जेडीयू में फाड़, एनडीए में संकट

 
वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक पर जेडीयू में फाड़, एनडीए में संकट अभिषेक पुरोहित RNE, National Bureau   वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक एनडीए की मोदी सरकार सदन में ले तो आई, मगर अब यही बिल उनके गले की फांस बन गया है। एनडीए के दलों के बीच इस विधेयक को लेकर खाई बननी आरम्भ हो गई है। विपक्ष तो पहले से ही इस विधेयक का पुरजोर विरोध कर ही रहा था, एनडीए का घटक दल जेडीयू भी इस मामले में दो फाड़ होता दिख रहा है। मोदी सरकार को बहुमत के बाद भी ये बिल प्रवर समिति के पास विचारार्थ भेजकर एकबारगी संकट को टालना पड़ा है। मगर तब तक नीतीश कुमार की जेडीयू में आग सुलग चुकी है। जिसकी गर्माहट आज दिल्ली से लेकर पटना तक महसूस की जा रही है और राजनीति शुरू हो गई है। वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक पर जेडीयू में फाड़, एनडीए में संकट बात तब बिगड़ी जब लोकसभा में इस बिल के समर्थन में जेडीयू नेता व केंद्रीय मंत्री ललन सिंह बोले। उन्होंने जमकर इस बिल के पक्ष में बात कही और इसे एक सही बिल ठहराया। सरकार के साथ वे मजबूती से खड़े दिखाई दिये। वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक पर जेडीयू में फाड़, एनडीए में संकट बस, उनके इस समर्थन से जेडीयू के मुस्लिम नेता भड़क गये। उन्होंने पार्टी लाइन छोड़ इस बिल का विरोध करना शुरू कर दिया। जेडीयू नेता गुलाम रसूल ने इस बिल को मुस्लिम विरोधी बताते हुए ये तक कह दिया कि क्या मठों की संपत्तियों को लेकर भी ऐसा बिल लाया जायेगा? जेडीयू के अन्य मुस्लिम नेता भी बिल के खिलाफ बयान देने लगे। वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक पर जेडीयू में फाड़, एनडीए में संकट बिहार के सीएम व जेडीयू सुप्रीमो नीतीश की हालत ये स्थिति देखकर बिगड़ गई। उन्होंने किसी भी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दी। देते भी तो क्या। वे अपनी पार्टी के मुस्लिम नेताओं को नाराज करने की स्थिति में नहीं है। उनकी नजर अगले विधानसभा चुनाव पर है। यदि मुस्लिम नेता नाराज होते हैं तो पहले से बिहार में सिमट रही जेडीयू और सिमट जायेगी। इस उलझन को देखते हुए जेडीयू के नेता विजय चौधरी को पटना में एक पीसी करके पार्टी का रुख साफ करना पड़ा। उनको कहना पड़ा कि मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को ध्यान में रखा जायेगा। अभी बिल प्रवर समिति के पास गया है। विचार होगा। लोगों की राय ली जायेगी। उस प्रक्रिया को तो होने दें। जेडीयू के दबाव में ही सरकार को ये बिल प्रवर समिति के पास भेजने का निर्णय करना पड़ा है। वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक पर जेडीयू में फाड़, एनडीए में संकट इस बिल से एक बार फिर एनडीए के भीतर की वैचारिक भिन्नता चौड़े आ गई है। जेडीयू पहले से ही अग्निवीर पर अपना रुख साफ कर चुका है, जो भाजपा के रुख से भिन्न है। ठीक इसी तरह समान नागरिक संहिता पर भी जेडीयू का रुख भाजपा से अलग है। कुल मिलाकर एनडीए के भीतर की वैचारिक टकराहट थोड़े समय मे ही खुलकर सामने आने लग गई है। जिससे विपक्ष को हमलावर होने का मौका मिल रहा है और भाजपा अपने चुनावी वायदों को पूरा करने में भी सफल नहीं हो पा रही है। वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक पर जेडीयू में फाड़, एनडीए में संकट

अभिषेक पुरोहित एक्सपर्ट डिजिटल कंटेट क्रिएटर है। बी.कॉम की पढ़ाई करने के साथ ही पत्रकारिता में सक्रिय अभिषेक पुरोहित लोकसभा चुनाव, राजस्थान विधानसभा, बंगाल विधानसभा चुनाव की विशिष्ट कवरेज कर चुके हैं। नॉलेज स्टोरी एक्सपर्ट अभिषेका विषयों की गहराई तक पकड़ रखते हैं। लगभग डेढ साल से rudranewsexpress.in के लिये रिपोर्टिंग-एडिटिंग का काम कर रहे हैं।