किस्से और कहानियां : सोनाली ने सुनाई “पापा कितने अनमोल होते हैं…”
आरएनई, बीकानेर।
वॉयस आफ एज्यूकेशन “ज्ञानायाम” के माध्यम से शनिवार रात्रि में होटल भंवर निवास में आयोजित हुए “किस्से और कहानियां” कार्यक्रम में बीकानेर – जयपुर की नवोदित कवयित्री सोनाली खत्री ने अपने रचना – संसार को प्रस्तुत किया। सोनाली ने अपने रचना पाठ की शुरुआत उसके द्वारा सातवीं कक्षा में लिखी गई कविता “पापा कितने अनमोल होते हैं…” से की। “खुद का सहारा हूँ मैं…” कविता सुनाकर सोनाली ने अपने जीवन में आए विभिन्न संघर्षों पर रोशनी डाली और माहौल को भावुकता से सराबोर कर दिया। उसके द्वारा प्रस्तुत “कोई न जाने…”, “तेरी याद में…, ” ये जख्म मुझे पूछते हैं…,” रचनाओं को उपस्थित सुधि दर्शकों ने खूब सराहा। लगभग 40 मिनिट की अपनी विभिन्न कविताओं एवं रचनाओं का समापन सोनाली ने “मोहब्बत है तो हम सब हैं… ” खुशनुमा कविता प्रस्तुत कर किया।
इस अद्भुत कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ कथाकार – साहित्यकार बुलाकी शर्मा ने सोनाली को ढेर सारा आशीर्वाद दिया तथा उसकी रचनाओं की खुले मन से सराहना की। इस अवसर पर आर्काईज के डायरेक्टर नितिन गोयल, जिला कोषाधिकारी धीरज जोशी, सी.ओ. (गंगाशहर) शालिनी बजाज, शिक्षाविद – पत्रकार डॉ. अभय सिंह टाक, वरिष्ठ कवयित्री मनीषा आर्य सोनी एवं मोनिका गौड़, कॉलेज व्याख्याता सुनीता बिश्नोई, राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षिका सुनीता गुलाटी, आर एन आरएसवी की शिक्षिका सुनीता शर्मा, समाजसेवी लक्ष्मण मोदी, कुलवंत खत्री, ज्योति सुथार, एडवोकेट श्याम सुंदर कुलरिया, डॉ. पुखराज, डॉ. शिवशंकर, डॉ. देवी सिंह, समाजसेवी ऋत्विक सेठिया इत्यादि ने अपने अपने संक्षिप्त संबोधनों में सोनाली की कविताओं की भरपूर तारीफ की तथा निरंतर आगे बढते रहने के लिए आशीर्वाद दिया।
रवि अग्रवाल ने सोनाली का परिचय देते हुए बताया कि सोनाली बीकानेर से है तथा जयपुर रहती हैं। इन्होंने साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने हेतु ओ पी जी एस यूनिवर्सिटी की अपनी व्याख्याता की सेवाओं से त्यागपत्र दे दिया है। रवि ने बताया कि सोनाली ने अपनी एल एल एम यूनिवर्सिटी आफ लंदन के स्कूल आफ ओरियंटल एंड अफ्रीकन स्टडीज़ से पूरी की है। सोनाली का बीकानेर में यह पहला साहित्यिक प्रस्तुतियों का कार्यक्रम है।
सोनाली की माताजी सीमा खत्री ने इस अवसर कहा कि सोनाली को बचपन से ही कविताएं लिखने का शौक था, इस शौक को इसके पिताजी ने खूब प्रोत्साहित किया था। कार्यक्रम का शुभारंभ समाजसेविका अंजू रामपुरिया ने कैंडल रोशन कर किया। कार्यक्रम के दौरान सोनाली का सम्मान शॉल, डायरी, पेन, पुष्पगुच्छ एवं साहित्य भेंट कर किया गया।
सोनाली की माताजी सीमा खत्री का सम्मान भी शॉल भेंटकर किया गया। आयोजन की महता, सभी विशिष्ट आगतुंकों का परिचय, स्वागत संबोधन एवं आभार ज्ञानायाम के समन्वयक गिरिराज खैरीवाल ने प्रस्तुत किया। मंच संयोजन विष्णु ने किया। नम्रता एवं सृष्टि ने बुके भेंटकर कर सोनाली का स्वागत किया।