आचार्य महाप्रज्ञ का विराट व्यक्तित्व मानव जाति के लिए प्रेरणास्पद : मुनि चैतन्यकुमार “अमन”
आरएनई,बीकानेर।
तेरापंथ धर्मसंघ के दशम अनुशास्ता आचार्य महाप्रज्ञ की मासिक पुण्यतिथि पर धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए मुनिश्री चैतन्य कुमार” अमन” ने विशेष प्रवचन में कहा – आचार्यश्री महाप्रज्ञ का विराट व्यक्तित्व मानव जाति के लिए प्रेरणास्पद है। वे करुणा के सागर ज्ञान के भंडार और साधना के सुमेरु थे। उनके द्वारा दिए गए प्रवचनों से आम जन प्रभावित थे। राष्ट्रनेता, समाज नेता, साहित्यकार विभिन्न सम्प्रदायों के धर्मगुरु, सामान्यजन, हिन्दू, सिख, ईसाई, मुसलिम सबके प्रति समान व्यवहार करते थे। उनके प्रवचन सार्वभौम और सार्वजनीन हितोपदेश के रूप में थे। एक धर्म संघ के आचार्य होते हुए भी उनका चिंतन सदैव असाम्प्रदायिक रहता था।
मुनि अमन ने आगे कहा – उन्होंने जीवन की अंतिम अवस्था में अहिंसा यात्रा करके जन-जन में अणुव्रत, प्रेक्षाध्यान और जीवन-विज्ञान के माध्यम से विश्व शांति और भाईचारे का संदेश दिया। राष्ट्र में शान्ति और सौहार्द भाव विकसित हुआ। भारत सरकार ने इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार प्रदान कर सम्मान का भाव जताया। अनेक संस्थाओं ने गौरवपूर्ण सम्मान प्रदान कर सम्मानित किया।उनकी संयमयात्रा, पुरुषार्थ, समर्पण, विशिष्ट साधनापरक रही। उनका विराट व्यक्तित्व मानव जाति के हितों में सदैव प्रेरणास्पद रहेगा। व लोकैषणा सदैव दूर रहे। विद्यार्थीवर्ग के लिए सर्वांगीण विकास के द्वार खोले उनमें नैतिकता, चरित्रनिष्ठा एवम् नशा मुक्ति के प्रति रुझान पैदा किया अतः समग्र मानव जाति उन से हमेशा प्रभावित रहेगी।इस अवसर मुनि श्रेयांस कुमार जी अपने सुमधुरगीत के साथ संक्षिप्त में विचार प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में मंगलाचरण करते हुए निर्मल बैद एवम् चैन राज छाजेड़ ने गीतिका प्रस्तुत की। कार्यक्रम में काफी संख्या में
श्रावक – श्राविकाएं उपस्थित थे।