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मोरखाणा में सुसवाणी माता मंदिर से रवाना होकर पूरे गांव से गुजरा पथ-संचलन

RNE Nokha.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नोखा की ओर से मोरखाणा मंडल में पथ संचलन किया गया। पथ संचलन में स्वयंसेवकों ने काली टोपी, खाकी पेंट, सफेद कमीज व हाथ में दंड लिए घोष की आवाज़ के साथ कदम से कदम मिलते हुए सुसवाणी माता के मन्दिर से रवाना हुए।


स्वयंसेवकों का यह अनुशासित कारवां सरकारी विद्यालय, मुख्य गुवाङ, शिव मन्दिर से होते हुए वापस सुसवाणी माता मन्दिर पहुंचा जहां पथ संचलन का समापन हुआ। मोरखाणा गांव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से प्रथम बार हुए पथ संचलन को देखकर के गांव के लोगों ने जगह-जगह पर स्वयंसेवकों पर पुष्प वर्षा करके, भारत माता की जय, वन्दे मातरम् के जयघोष से पथ संचलन का स्वागत किया।


पथ संचलन से पहले सुसवाणी माता मंदिर परिसर में विजयदशमी उत्सव व शस्त्र पूजन का कार्यक्रम किया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह विभाग कार्यवाह अंगद कुमार ने अपने उद्बोधन में बताया कि शस्त्रों की पूजा करना हमारी भारतीय संस्कृति में आदि अनादि काल से चली आ रही परंपरा है।

शस्त्रों से ही शास्त्रों की रक्षा संभव है, नवरात्रि के दिनों में सनातन संस्कृति के लोग शक्ति की उपासना करते हैं दसवे दिन शस्त्र पूजन के साथ विजयदशमी के रूप में मनाते हैं।


उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना को 99 वर्ष पूर्ण हो गए हैं इस बार शताब्दी वर्ष है। शताब्दी वर्ष में कार्य विस्तार और कार्य दृढ़ीकरण पर विशेष ध्यान देकर प्रत्येक मण्डल तक संघ को पहुंचाना है। लगातार समाज जागरण का कार्य करना है। कार्यक्रम में मोरखाणा के साथ ही सिंधु, सुरपुरा, सलूण्डिया, किरतासर, सोवा के स्वयंसेवकों ने पूर्ण गणवेश में भाग लिया।