शहीद चंद्र चौधरी सर्किल पर धरना दिये बैठे परिजन, बीकानेरवासी
RNE, BIKANER.
कश्मीर के अनंतनाग में गोली से जान गंवाने पांचू के जवान के रामस्वरूप कस्वां के निधन को आत्महत्या कहने से आक्रोशित बीकानेरवासियों की ओर से चंद्र चौधरी सर्किल पर लगाये गये धरने में लोगों की भीड़ उमड़ती जा रही है।
नोखा की विधायक सुशीला रामेश्वर डूडी भी इस धरने पर पहुंची है। सुशीला ने अनंतनाग जैसे संवेदनशील स्थान पर जान गंवाने वाले पांचू के जवान की मौत को आत्महत्या कहने पर नाराजगी जताई है।
सैनिक कल्याण अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाने के साथ ही जवान कस्वां को शहीद का दर्जा देने की मांग उठाई है। शहीद की अंत्येष्टि पूरे राजकीय सम्मान से करने और वीरांगना व उनके परिवार को पूरे परिलाभ देने की मांग भी सुशीला डूडी ने अपने बयान में की है।
मामला यह है :
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में पोस्टेड सैनिक रामस्वरूप कस्वां के निधन के मामले में विवाद गहराता जा रहा है। पहले सैनिक के शहीद होने की जानकारी सामने आई। पता चला कि अनंतनाग में मुठभेड़ में सैनिक को गोली लगी है। परिजनों का आरोप है कि जिला सैनिक कल्याण अधिकारी ने इसे आत्महत्या का प्रयास बताते हुए गोली चलने की बात कही है।
गुरुवार को सैनिक रामस्वरूप के परिजन धरने पर बैठ गए और सैनिक को शहीद का दर्जा देने की मांग करने लगे। शव लेने से इनकार कर दिया। उनका कहना है कि जब तक रामस्वरूप को शहीद का दर्जा नहीं दिया जाता है तब तक वह शव नहीं लेंगे और अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।
केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम ने लिखा “वीरगति को प्राप्त..”
गौरतलब है कि बीकानेर के सांसद और केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने जवान रामस्वरूप के निधन पर सोशल मीडिया में पोस्ट लिखी थी कि “..वीर सपूत रामस्वरूप कस्वा माँ भारती की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त होने का हृदय विदारक समाचार मिला है…।”
सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा, रक्षा मंत्री कार्रवाई करो :
नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने भी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर जिला सैनिक कल्याण अधिकारी पर संकीर्ण मानसिकता का आरोप लगाते हुए मामले की जांच की मांग की है।
बेनीवाल ने कहा कि बिना कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के जिला सैनिक कल्याण अधिकारी की ओर से इस मामले को आत्महत्या बताना पूरी तरह से गलत है। सैनिक रामस्वरूप को शहीद का दर्जा देने के साथ ही उनके परिवार पूरे परिलाभ दिए जाने चाहिए।