पुरानी आबादी के भूखंड का पट्टा लेना महंगा हुआ, 2500 की जगह 20 हजार रुपये लगेंगे
RNE Network
राज्य के शहरों में पुरानी आबादी की भूमि का पट्टा लेना अब महंगा हो गया है। अब भूमि धारक को शहरी निकाय से पट्टा लेने के लिए करीब आठ गुना ज्यादा राशि देनी पड़ेगी।
फ्री होल्ड पट्टे के लिए 200 रुपये प्रति वर्गमीटर शुल्क तय किया गया है। जबकि इससे पहले मात्र 25 रुपये प्रति वर्ग मीटर दर पर ही शुल्क लिया जाता था। हालांकि, पिछली कांग्रेस सरकार ने प्रशासन शहरों के संग अभियान में दी गई छूट के तहत 501 रुपये में पट्टा दिया गया था। यह छूट खत्म हो चुकी है। नई शुल्क को लेकर स्वायत्त शासन विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है।
इतना महंगा हुआ पट्टा बनाना:
100 वर्गमीटर भूखंड के पट्टे के लिए 2500 की जगह अब 20000 रुपये देने होंगे। आवेदन के साथ ही अब आवेदक को निकाय में शुल्क जमा कराना होगा।
सरकार ने अधिकार भी बदले:
सरकार ने निकायों के अधिकारियों के अधिकारों में भी कटौती की है। पहले अफसर इस तरह की 500 वर्गमीटर तक की जमीन का पट्टा अपने स्तर पर जारी कर सकते थे। जबकि 501 से 5000 वर्गमीटर तक की जमीन का पट्टा देने का निर्णय सम्बंधित निकाय के बोर्ड के स्तर पर जारी किया जाता था।
5000 वर्ग मीटर से ज्यादा जमीन का पट्टा जारी करने के लिए सरकार के पास फाइल भेजी जाती थी। अब अफसरों के स्तर पर 300 वर्गमीटर, बोर्ड स्तर पर 301 से 1500 वर्गमीटर तक के ही पट्टे जारी किए जा सकेंगे। 1500 वर्गमीटर से अधिक के पट्टों की फाइल अब सरकार के पास जायेगी।