हालात पर बात : कमिश्नर, कलेक्टर, प्रिंसिपल, सुपरिटेंडेंटे, प्रमुख डॉक्टर बैठे, कई निर्णय हुए
Feb 6, 2024, 23:30 IST
- अनुमान : सालभर में सिर्फ टायलेट की सफाई पर खर्च हो सकते हैं साढ़े तीन करोड़, बाकी सफाई के लिए करना होगा अलग टैंडर
दरअसल यह मंथन मंगलवार को हुई हॉस्पिटल की आरएमआरएस मीटिंग में हुआ। संभागीय आयुक्त उर्मिला राजौरिया सोसायटी अध्यक्ष के तौर पर मौजूद रही वहीं मीटिंग में जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल, मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डा.गुंजन सोनी, सुपरिटेंडेंट डा.पी.के.सैनी सहित हॉस्पिटल-कॉलेज के प्रमुख अधिकारी, डॉक्टर मौजूद रहे। ऐसे में मोटे तौर पर टायलेट सुलभ को सौंपने पर सबने सहमति दी है। इसके लागत प्रस्ताव बनाकर उसकी व्यवस्था करने का काम बाकी है। ऐसे मंे अगर समय पर पूरा काम हो जाता है तो नये वित्तीय वर्ष यानी अप्रैल से हॉस्पिटल में टायलेट की समस्या का समाधान हो सकता है।
गर्भवतियों-प्रसूताओ के लिए एमसीएच हॉस्पिटल चालू होगा : एक पलंग पर दो-दो गर्भवतियां-प्रसूताएं। लेबररूम में टेबल कम। गेट के बाहर इंतजार करती महिलाएं दिखना पीबीएम जनाना हॉस्पिटल का सबसे आम दृश्य है। इस तस्वीर को बदलने के लिए हालांकि सालों पहले नया जनाना हॉस्पिटल (एमसीएच विंग) बन गया लेकिन अब तक सिर्फ आउटडोर ही चालू हो पाया है। इनडोर, ओटी सहित अन्य सुविधाओं केा विकसित कर जल्द जनाना हॉस्पिटल शिफ्ट करने का निर्णय इस मीटिंग में हुआ। इसमें उपकरणों से लेकर बाकी संसाधनों तक लगभग एक करोड़ रूपए खर्च होने का अनुमान है।
ओटी-आईसीयू में जाते हुए शू-कवर नहीं तलाशने पड़ेंगे : ओटी या आईसीयू में राउंड लेने जाते डॉक्टर, स्टाफ सहित अन्य व्यक्तियों को या तो जूते बाहर खोलने पड़ते या शू-कवर तलाशने पड़ते हैं। शू कवर नहीं होने पर कई लोग जूते पहने अंदर घुस जाते हैं। ऐसे मंे इन्फेक्शन का डर बना रहता है। इस समस्या का समाधान भी आरएमआरएस की मीटिंग में ढूंढ़ लिया गया है। अब ओटी, आईसीयू जैसे वार्डों के आगे ऑटोमेटिक शू-कवरिंग मशीनें लगेगी। इन मशीनों पर पांव रखते ही जूते कवर हो जाएंगे। ये निर्णय भी हुए : - हल्दीराम हार्ट हॉस्पिटल में इको जांच के लिए लगने वाली भीड़ कम करने के लिये यहां एक और इको मशीन लगेगी
- यूरोलोजी में एडवांस इलेक्ट्रो सर्जिकल यूनिट विद वैसल्स सिलर मशीन लगेगी
- आई डिपार्टमेंट में नॉन कनेक्ट ऑप्टिकल बायो मीटर मशीन लगाई जाएगी
- सर्जरी विभाग के लिये सर्जिकल डायोड लेजर मशीन खरीदने का निर्णय
- पूरे हॉस्पिटल का एक ही सीसीटीवी मैनेजमेंट सिस्टम होगा


