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ठाकरे बोले, बैंककर्मियों को मराठी में काम करने का आदेश दें, राज ठाकरे ने निर्देश न देने पर आंदोलन की चेतावनी दी

RNE Network.

मातृभाषा की महत्ता को लेकर महाराष्ट्र में एक बार फिर मराठी लोग अड़ गए हैं। पिछले काफी दिनों से मातृभाषा को लेकर अनेक राज्य अपना पक्ष रख चुके हैं और इस मुद्दे पर केंद्र सरकार से टकरा चुके हैं।तमिलनाडु व केंद्र सरकार मातृभाषा की बात को लेकर काफी समय से आमने सामने है। कर्नाटक व महाराष्ट्र के मध्य रोडवेज में मातृभाषा बोलने की बात पर संघर्ष हुआ है। तेलंगाना व आंध्रा भी मातृभाषा की बात अपने तरीके से कह चुके हैं।ताजा मसला मराठी का:

अब ताजा मसला महाराष्ट्र में राज ठाकरे और उनकी पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने मराठी को लेकर उठाया है। पार्टी अध्यक्ष राज ठाकरे ने शीर्ष बैंक निकाय इंडियन बैंक्स एसोसिएशन को पत्र लिखकर कहा है कि वह बैंकों को मराठी में काम करने का निर्देश दे। ऐसा न करने पर उनकी पार्टी आंदोलन तेज करेगी।ठाकरे ने यह लिखा है कि अगर बैंक अपनी सेवाओं में 3 भाषा फार्मूले ( अंग्रेजी, हिंदी और स्थानीय भाषा मराठी ) का पालन नहीं करते तो हालात बिगड़ सकते हैं।

कब जागेंगे राजस्थानी भाषी:

देश में एक तरफ अपनी मातृभाषा को लेकर लोग इतने संवेदनशील है, वहीं दूसरी तरफ राजस्थनी लोग अपनी मातृभाषा राजस्थानी की मान्यता के लिए अरसे से संघर्ष कर रहे हैं। उनकी कोई सुनवाई भी नहीं हो रही। न राजस्थानी को संवैधानिक मान्यता मिल रही है और न दूसरी राजभाषा का दर्जा। राजस्थानियों का अपनी मातृभाषा के लिए ये मौन सालता है।