
राष्ट्रीय शिक्षक संघ की प्रदेश कार्यकारिणी बैठक सम्पन्न, शिक्षा व समाज पर हुआ मंथन
- सर्वव्यापी एवं सर्वस्पर्शी का भाव ही भारत माता की सच्ची सेवा : निम्बाराम
RNE Network.
राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय की प्रदेश कार्यकारिणी बैठक इंदिरा गांधी पंचायती राज संस्थान जयपुर में संपन्न हुई ।कार्यक्रम का प्रारंभ मां सरस्वती एवं मां भारती के चित्रों के समक्ष माल्यार्पण, दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना से हुआ।संगठन के प्रदेश महामंत्री महेंद्र कुमार लखारा एवं प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष रवि आचार्य ने बताया की बैठक में तीन सत्र आयोजित हुए प्रथम सत्र में संगठनात्मक गतिविधियों एवं कार्यक्रमों की चर्चा एवं समीक्षा तथा आगामी सत्र के लिए निर्धारित पंचांग की जानकारी दी गई।द्वितीय सत्र में हमारे पालक अधिकारी माननीय निंबाराम जी ,क्षेत्र प्रचारक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का पाथेय प्राप्त हुआ एवं तृतीय सत्र में माननीय शिक्षा मंत्री मदन दिलावर जी का उद्बोधन हुआ।
प्रथम सत्र में संगठन के प्रदेश अध्यक्ष श्री रमेश चंद्र पुष्करणा जी ने सभी कार्यकर्ताओं को नव वर्ष 2082 की मंगलमय शुभकामनाओं के साथ पिछले वर्ष 225637 सदस्यता के कीर्तिमान स्थापित करने के लिए एवं पिछले सत्र के प्रधानाचार्य संवाद कार्यक्रम, 10000 से अधिक महिला विचार गोष्ठियों ,अभ्यास वर्गों के आयोजन की अभूतपूर्व सफलता के लिए भी सभी को बधाई दी। उन्होंने 14 जुलाई को समरसता दिवस एवं 18 जुलाई को गुरु वंदन कार्यक्रम पर प्रत्येक प उप शाखा के प्रत्येक पी ई ई ओ स्तर पर विचार गोष्ठी के आयोजन की बात रखी । उन्होंने सदस्यता अभियान के पूर्ण कार्यक्रम को विस्तार से कार्यकर्ताओं के समक्ष रखा एवं इस बार सदस्यता 3 लाख पार का नारा दिया।उन्होंने बताया की सदस्यता अभियान 1 मई से 14 मई के मध्य चलेगा। 18 अप्रैल को जिला स्तर पर उप शाखा के कार्यकर्ताओं को सदस्यता पंजिका वितरित करनी है ,27 अप्रैल को संकुल स्तर पर इन सदस्यता पंजिकाओं का वितरण करना है। 1 मई से 8 मई तक प्रत्येक संकुल द्वारा पी ई ई ओ स्तर पर सदस्यता पूर्ण कर ली जाएगी। 10 से 15 में तक प्रवासी कार्यकर्ता पदाधिकारी द्वारा संपूर्ण सदस्यता अभियान पूर्ण होना सुनिश्चित कर लिया जाएगा।
प्रदेश संगठन मंत्री माननीय घनश्याम जी भाई साहब ने कार्यकर्ताओं से समय का पालन और सदस्यता अभियान में संगठन के प्रत्येक कार्यकर्ता की सक्रिय भूमिका सुनिश्चित करने का आवाहन किया। उन्होंने कहा कि हमें संगठन के कार्यों को पूर्ण करने के साथ-साथ शिक्षक के रूप में भी विद्यार्थी और समाज के प्रति हमारे दायित्व को शत प्रतिशत पूर्ण करना चाहिए । उन्होंने शिक्षकों से अध्यापन के साथ-साथ विद्यार्थी के पंचकोषीय मन,शरीर ,आत्मा, बुद्धि और वृत्ति के विकास की बात कही।
कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक माननीय निंबाराम जी ने बताया कि बैठक संगठन के वर्ष भर के कार्यों एवं निर्धारित आयामों की समीक्षा, आगामी वर्ष के लिए पंचांग के निर्माण एवं लक्ष्य के निर्धारण हेतु की जाती हैं। जो लक्ष्य या पूर्ण हुए उनके लिए प्रशंसा करना एवं जिन लक्ष्यो में कमियां रही उसके कारणों का पता लगाना चाहिए । साथ ही साथ प्रत्येक कार्यकर्ता को अपने स्वयं का मूल्यांकन भी करना चाहिए। संगठन द्वारा वृक्षारोपण ,स्वच्छता अभियान, पर्यावरण संरक्षण ,समरसता,स्वदेशी, मातृशक्ति द्वारा किए गए कार्यक्रम, महापुरुषों की जयंतियों पर किए गए कार्यक्रमों के साथ-साथ शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष बल देने और उनकी निरन्तर संकुल, उप शाखा, जिला एवं प्रदेश स्तर पर समीक्षा एवं विस्तार करने तथा इन सभी क्षेत्रों में किए गए नवाचारों का अभिलेख के रूप में संकलन करने की बहुत आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आज हमारे समाज के प्रत्येक कार्य में पुरुष एवं महिलाओं दोनों का समान योगदान है अतः संगठन कि प्रत्येक इकाई में महिला कार्यकर्ताओं की सक्रिय भूमिका सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने सभी शिक्षकों एवं कार्यकर्ताओं से सर्वव्यापी एवं सर्वस्पर्शी का भाव मन में रखने का सदैव रखने का की बात कही उन्होंने कहा की शिक्षक संघ राष्ट्रीय सबसे बड़ा ही नहीं बल्कि एक जीवंत और सतत संगठन है अतः हमारी सोच सर्वस्पर्शी सबको साथ लेकर चलने वाली होनी चाहिए। संगठन में प्रत्येक स्तर पर उचित सामाजिक प्रतिनिधित्व होना चाहिए। सभी वर्गों के महापुरुषों का मन में सम्मान होना चाहिए इसमें कोई मतभेद ना हो बल्कि सभी समाजों को एक साथ मिलकर यह कार्यक्रम करने चाहिए। समाज को टूटने से बचने के लिए सभी की बातों को ध्यानपूर्वक सुनना, आक्रामक ना होना और कड़वे घूंट भी पी लेना पड़ता है । संगठन का प्रत्येक कार्यकर्ता अपने आसपास हो रही असामाजिक गतिविधियों से अनभिज्ञ न रहे उसकी दृष्टि पैनी होनी चाहिए और उन्हें उचित पटल पर रखा जाना चाहिए। प्रार्थना सभा में सामाजिक सरोकार के विषय जोड़े जाने चाहिए । उन्होंने युवाओं के लिए स्वरोजगार के लिए कौशल विकास हेतु प्रशिक्षण दिए जाने पर बल दिया।
कार्यक्रम की तृतीय सत्र में मुख्य अतिथि राजस्थान सरकार के शिक्षा मंत्री माननीय मदन दिलावर जी का संगठन के प्रदेश अध्यक्ष श्री रमेश चंद्र पुष्करणा द्वारा माल्यार्पण साल एवं श्रीफल भेंट कर स्वागत किया गया। इस अवसर पर संगठन के प्रदेश संगठन मंत्री माननीय घनश्याम जी ने बताया की शिक्षक संघ राष्ट्रीय केवल शिक्षक ही नहीं अपितु शिक्षा, समाज और विद्यार्थी के हित में समय-समय पर सुझाव रखता है जिन पर शीघ्र विचार कर क्रियान्वित करना चाहिए। माननीय शिक्षा मंत्री जी के समक्ष शिक्षक संघ राष्ट्रीय के प्रदेश अध्यक्ष रमेश चंद्र पुष्करणा जी ने सरकार द्वारा सभी संवर्गों की डीपीसी करने ,प्रवेशिका को वरिष्ठ उपाध्याय स्कूल में परिवर्तित करने ,तीन गुरुकुलों की स्थापना की घोषणा करने ,कोटा में सैनिक स्कूल बनाने, संस्कृत शिक्षा में डीईओ पद स्वीकृत करने, शिक्षक संघ राष्ट्रीय के लिए सदैव सरकार का द्वार खुला रखने के लिए माननीय शिक्षा मंत्री जी का आभार जाता है एवं अभिनंदन किया। इसके साथ-सा सरकार बनने के डेढ़ साल बाद भी कुछ अधिकारियों के लंबे समय तक एक स्थान पर जमे रहने, प्रताड़ित शिक्षकों को पुनः लाने, तृतीय वेतन श्रंखला के स्थानांतरण एवं पदोन्नति एवं वेतन विसंगति दूर करने वरिष्ठ व्याख्याता पद पर पुनर्विचार करने या उन्हें एल -15 दिए जाने की मांग की। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री जी ने सभी मांगों को शीघ्र पूरा करने का आश्वासन दिया एवं शिक्षक संघ राष्ट्रीय के सभी कार्यकर्ताओं के स्वास्थ्य एवं सामर्थ्यवान तथा राष्ट्रहित के कार्यों में उत्तरोत्तर वृद्धि करने का आवाहन किया ।
कार्यक्रम के अंत में संगठन के प्रदेश महामंत्री महेंद्र कुमार लखारा जी ने सभी अतिथियों एवं पधारे प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्यों जिला अध्यक्ष एवं जिला मंत्री सहित सभी शिक्षक साथियों ,पत्रकार बंधुओ का आभार व्यक्त किया। अंत में कल्याण मंत्र के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।