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ब्याह के बाद बधावे के गीत सीधे पोलिंग बूथ पर, 100 पार की दादी पीढ़ियों को साथ ले वोट देने पहुंची

एन.एल.कड़ेल,

RNE, NAGAUR .

चुनावी बयानबाजी की गरमी और वोटों के लिए नेताओं की मारामारी जहां तनाव पैदा करती है वहीं मतदान के दौरान कई ऐसे नजारे भी दिख रहे हैं जो मन को सुकून देते हैं।

ऐसे दृश्य जिन्हें देखकर अनायास मुंह से निकलता है-हां, ये चुनाव लोकतंत्र का पर्व और देश का गर्व है। ऐसा ही एक दृश्य नागौर के सोलियाना गांव में देखने को मिला। यहां नरेन्द्रसिंह की शादी हुई। दूल्हा नरेन्द्र अपनी दुल्हन को लेकर घर जाने की बजाय परिजनों के साथ सीधे पोलिंग बूथ पर पहुंचा। साथ आई महिलाएं भी बधावे के गीत गाती रही। गठबंधन जोड़े दूल्हे और परिजनों ने वोट दिया। इसके बाद आगे की रस्में पूरी करने घर की ओर रवाना हुए।

सुकून देने वाला एक दृश्य मूंडवा में भी दिखा। यहां वोट देने आई सरजूदेवी की उम्र 105 साल हैं। वे अपने बेटे, पोतों, प्रपोत्रों के साथ पैदल चलकर वोट देने आई। उत्साह से मतदान किया। स्याही दिखाई और लोगों से कहा, वोट जरूर करें।

परिजन बताते हैं कि सरजूदेवी चाहती तो होम वोटिंग सुविधा का लाभ ले सकती थी लेकिन उनमें वोट के प्रति उत्साह है और हमेशा सबको साथ लेकर वोट देने आती हैं। नवविवाहितों के ब्याह के बाद सीधे पोलिंग बूथ पर पहुंचने के नजारे प्रदेशभर में देखे गए।

बीकानेर के नाल गांव पर पहुंचे ऐसे ही एक दूल्हे को देखकर कतार में खड़े लोगों ने पहले वोटिंग करने का अवसर दिया। बाकायदा ‘बींद राजा’ का स्वागत भी हुआ।

बीकानेर के ही दुलचासर और कागासर गांव में शादी से पहले दूल्हे सीधे मतदान केंद्र पहुंचे और अपने मत का उपयोग किया। इसी प्रकार पुंदलसर गांव में सुमन कंवरी ने विदाई के बाद सीधे मतदान केंद्र पहुंचकर वोट दिया तथा उसके बाद अपने ससुराल पहुंची।

लोकतंत्र की जीत का अहसास तब भी होता है जब बुजुर्ग- अशक्त व्यक्ति व्हील चेयर के सहारे आकर भी वोट कर जाते हैं।