शुभ शादी : उषा-सोनाक्षी को हल्दी लगी, बनौळी निकली, साक्षी बना बीकानेर
- पूरा शहर दो अबोली बहिनों का परिवार बन गया, कल नारी निकेतन में आयेगी बारातें
RNE, BIKANER .
प्रधानमंत्री से लेकर हर वर्ग के सेलिब्रिटी की उपस्थिति से देशभर में भले ही राधिका-अनंत अंबानी की भव्य शादी की धूम हो लेकिन बीकानेर में एक खास शादी को लेकर न केवल लोगों में चर्चा है वरन इसके प्रति उत्साह के साथ मंगलभावनाएं भी खुद-ब-खुद निकल रही है। यह शादी है ऐसी दो अबोली युवतियों उषा और सोनाक्षी की जो बोल-सुन नहीं सकती। बाल सुधारगृह में बचपन और नारी निकेतन में युवावस्था गुजरी है।
भले ही ये बोल-सुन नहीं पाती लेकिन प्रेम की भाषा आंखों में दिख रही है और शादी की खुशी की चमक चेहरे पर है। यह चमक रविवार को हुई हल्दी और मेहंदी के दस्तूर के साथ कई गुना बढ़ गई। शाम ढलने के साथ ही बनौळी निकली तो इसमें शरीक और साक्षी हर शख्स के मुंह से इनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं निकलीं। इन रस्मों के साथ ही अब सोमवार को इन दोनों युवतियों को ब्याहने बीकानेर के नारी निकेतन में बारातें आएंगी। कल नारी निकेतन में दोनों की बारातें आएगी, फेरे होंगे।
जानिए क्यों अनूठी है ये शादी :
बीकानेर में हो रही शादी अनूठी इसलिये हैं क्योंकि ये दोनों लड़कियां जन्म से अब तक कभी बोल नहीं पाई मतलब मूक-बधिर है। दोनों घर-परिवार की बजाय नारी निकेतन में आवासित है। नारी निकेतन की अधीक्षक डॉक्टर शारदा चौधरी ने शादी लायक उम्र समझ आंखों में उमड़ती प्रेम की भाषा पढ़ी। जिला कलेक्टर सहित विभाग के अधिकारियों को बताया।
सभी ने मिल तय किया कि इनके लिये अच्छे घर-वर की तलाश होनी चाहिए। इशारों में इनकी सहमति ली। दूल्हों की तलाश हुई और सबकुछ जांच-परखकर सही पाया तो लड़कियों की सहमति से शादी के लिए ‘हां’ कर दी। अब तैयारियां शुरू हो चुकी है। कार्ड छप गये हैं। भामाशाह शादी के लिये सभी इंतजाम करने को आगे आये हैं। पूरा बीकानेर 15 जुलाई को नारी निकेतन में आने वाली दो बारातों की अगवानी करने के उत्साह में हैं।
जोधपुर-हनुमानगढ़ से आ रहे दूल्हे :
नारी निकेतन की अधीक्षक डॉक्टर शारदा चौधरी के मुताबिक, नारी निकेतन में आवासित उषा की शादी श्रवण कुमार और सोनाक्षी का ब्याह मांगीलाल से होगा। इन दोनों में से एक लड़का जोधपुर में टिंवरी के पास रहने वाला है और दूसरा हनुमानगढ़ जिले के है।
एक 16 साल से, दूसरी 13 साल से नारी निकेतन में :
डॉ. चौधरी ने बताया कि दोनों आवासनियां मूक बधिर हैं और लम्बे समय से यहां आवासरत हैं। एक आवासिन जुलाई 2008 से बालिका गृह में तथा बाद में जनवरी 2011 से नारी निकेतन में निवासरत है। दूसरी जनवरी 2013 से यहां निवासरत है। दोनों महिलाओं के सुखद भविष्य के लिए विभाग द्वारा विशेष प्रयास कर यह पहल की गई है।
ऐसे चुने दूल्हे :
उन्होंने बताया कि ’रूल्स फोर द एडमिनेस्ट्रेशन एडमिशन एंड रिहेबिलिटेशन ऑफ पर्सन्स इन होम एंड शेल्टर्स 1970 के नियम 20 रिहेबिलिटेशन (2) ई और नियम 21 के प्रोसजिर फोर अरेजिंग द मैरिज ऑफ ए फिमेल इनमेट’ के परिप्रेक्ष्य में यह विवाह करवाया जा रहा है।
दूल्हों से प्रस्ताव मांगे :
इस प्रावधान के अनुसार वर्ष 2021 नवम्बर में विभागीय आदेशानुसार विज्ञप्ति जारी कर इन महिलाओं के विवाह के लिए प्रस्ताव लिए गए। प्रस्तावों को जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित विवाह उप समिति में रखा गया, जहां से सहमति प्राप्त होने पर दोनों आवसनियों के लिए विवाह प्रस्ताव स्वीकार किए गए हैं। डॉ चौधरी ने बताया कि नारी निकेतन में आवासरत आवासनियों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने की दिशा में यह एक अहम पहल है।
सहयोग के इच्छुक कर सकते संपर्क :
डॉ. चौधरी ने बताया कि इस कार्य में जिला कलेक्टर के निर्देश अनुसार जिला प्रशासन और स्थानीय भामाशाहों द्वारा सहयोग किया गया है। सहयोग के इच्छुक व्यक्ति कार्यालय समय में नारी निकेतन में सम्पर्क कर सकते हैं। अधीक्षक ने बताया कि एक आवासनी की बारात जोधपुर तथा अन्य की हनुमानगढ़ से आएगी।