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West Bengal : सड़क हादसे में शशिप्रभाजी का परलोकगमन, दर्शनाश्रीजी व एक अन्य घायल

  • राजस्थान के गोलछा परिवार में जन्म लेकर साध्वी बनी थी शशिप्रभा जी
  • कोलकाता से जमशेदपुर जा रही थी जैन साध्वियां, कार ने जबरदस्त टक्कर मारी
  • घायल हुई दो जैन साध्वियों को कोलकाता रैफर किया

RNE Network. 

पश्चिम बंगाल से एक दुखद खबर आई है। यहां दर्दनाक सड़क हादसे में एक जैन साध्वी का परलोकगमन हो गया है। इसके साथ ही दो साघ्वियां गंभीर रूप से घायल हो गई जिन्हें कोलकाता रैफर किया गया है। घटना की सूचना मिलते ही देशभर के जैन समाज में शोक छा गया है।

पूर्वी मेदिनीपुर जिले में कार ने जैन साध्वियों को कुचला :

प्राप्त जानकारी के अनुसार दुर्घटना बुधवार सुबह करीब 5 बजे हुई। बताया जाता है कि खड़गपुर-जानाबाड़ बाईपास से 3 जैन साध्वियां जा रहीं थीं। इसी दौरान एक प्राइवेट कार ने इन्हें टक्कर मारी। टक्कर इतनी तेज थी कि खरतरगच्छ जैन समुदाय की शशिप्रभाजी महाराज साहेब की घटनास्थल पर ही मौत हो गई।

 

2 साध्वियां कोलकाता रेफर :

पांशकुड़ा थाना पुलिस के मुताबिक दो अन्य साध्वियां गंभीर रूप से घायल हो गईं हैं। इन्हें पहले पीतपुर सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल ले जया गया। घटना की सूचना मिलते ही बड़ी तादाद में लोग हॉस्पिटल पहुंच गए। वहां से दोनों साध्वियों को कोलकाता भेजा गया हैं। दोनों साध्वियों को ब्रेन हेमरेज हुआ है। तीनों साध्वियां कोलकाता से झारखंड के टाटानगर की ओर जा रहीं थीं।

जानिये कौन थी शशिप्रभाजी :

स्व. प. पू. प्रवर्तिनी पद विभूषिता श्री पुण्यश्रीजी म.सा. की परम्परा में स्वर्गीय प्रवर्तिनी श्री ज्ञानश्री जी की प्रिय एवं सुयोग्य शिष्या प्रवर्तिनी श्री सज्जनश्रीजी म.सा. की प्रमुख शिष्या प पूज्य खरतरगच्छअधिपति आचार्य श्री जिनमणिप्रभ सूरीश्वरजी जी मसा की आज्ञानुवर्तिनी प्रवर्तिनी महोदया बंग प्रदेश उद्धारिका, वात्सल्य मूर्ति, सदा एगलठाना महातपाराधिका, चुस्त संयम प्रेरिका, श्रमणी रत्ना साध्वी,प्रवृतिनी महोदया श्री शशिप्रभा श्री जी म.सा।

सांसारिक जीवन परिचय :

  • नाम:-किरण कुमारी
  • पिता:- श्री ताराचंद जी गोलेछा
  • माता:-श्रीमती बाला देवी गोलेछा
  • गांव:फलोदी (राजस्थान)
  • जन्म:-विक्रम संवत 2001 भाद्र वद अमावस्या
  • दीक्षा:-विक्रम संवत 2014 मिगसर वदी छठ
  • दीक्षा स्थान:-ब्यावर
  • दीक्षा गुरूवर्या: साध्वी शिरोमणि श्री सज्जन श्री जी मसा
  • दीक्षा नाम: साध्वी श्री शशिप्रभा श्रीजी
  • संघ रत्ना उपाधि:-विक्रम संवत 2060 को संघरत्ना की उपाधि से विभूषित
  • देवलोक गमन: -विक्रम संवत 2081आषाढ़ वदी पंचमी कोलाघाट (खड़गपुर पश्चिम बंगाल)

अध्ययनशील, कई भाषाओं की ज्ञाता थीं साध्वी श्री :
संयम जीवन में प्रवेश करते ही जैन दर्शन में आचार्य धर्म दर्शन, तत्व आदि शास्त्रों का गहनता पूर्वक अध्य्यन किया। उच्च अध्य्यन करने पर व्याकरण शास्त्री के पद से सम्मानित किया गया। हिन्दी, संस्कृत, गुजराती एवं राजस्थानी भाषाओं का ज्ञान।


परिचय, जानकारी स्रोत : चंपालाल छाजेड़, (साभार:- परिचय कोष जहाज मंदिर मांडवला)