दाल खाना अब अमीरों का शौक है, गरीबों की पहुंच से काफी दूर निकल चुकी है दाल
महंगाई डायन खावत जाय है
आरएनई,नेशनल ब्यूरो।
‘ दाल रोटी खाओ, प्रभु के गुण गाओ ‘ गीत तो अब बीते जमाने की बात हो गई। दाल इतनी महंगी हो गई है कि अब गरीब की थाली से हट ही गई है। दाल के विकल्प के रूप में उसे सामान्य छाछ से रोटी खानी पड़ रही है। अरहर के दामों में हुई बड़ी बढ़ोतरी ने थाली से पूरी तरह तुअर की दाल को गायब कर दिया है।
अरहर ( तुअर ) की दाल के भाव कम होने का नाम ही नहीं ले रहे हैं।
जुलाई 2023 से अरहर की कीमतों में आई तेजी इस साल भी जारी है। अरहर के थोक भाव 12000 क्विंटल को पार कर चुके हैं। आवक घटने से अप्रैल में मंडियों साबुत अरहर के थोक भाव 1400 रुपये और अरहर दाल के थोक भाव 1900 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ गये हैं। खुदरा बाजार में भी अरहर की दाल की कीमतें भी बढ़ी हैं। सरकार की लगातार कोशिशों के बाद भी अरहर दाल के दाम बढ़ रहे हैं। कमोडिटी विश्लेषकों का मानना है कि उत्पादन कम होने से अरहर की आपूर्ति कमजोर है, इसीलिए दाम बढ़ रहे हैं।
कालाबाजरी रोकने का अभियान
दाल की कालाबाजरी रोकने के लिए सरकार ने कठोर कदम उठाने का निर्णय लिया है। दाल की कालाबाजरी रोकने के लिए केंद्र सरकार देश भर वेयरहाउस, मिल और मंडियों में उड़द व तुअर दाल के स्टॉक की जांच करेगी। दाल के बड़े उत्पादक राज्यों में पहले एक्शन लिया जा रहा है। महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश व गुजरात सबसे बड़े दाल उत्पादक राज्य है। सरकार चुनावी समय में दाल की कीमतों पर लगाम लगाये रखना चाहती है।
दाल की ये हो गई है कीमतें
अरहर की प्रमुख मंडी अकोला, महाराष्ट्र में 1 अप्रैल को अरहर के थोक भाव 10700 से 10850 रुपये थे। जो बढ़कर 12000 से 12200 रुपये क्विंटल हो गये है। अरहर के थोक भाव 14400 – 15400 से बढ़कर 16100- 17300 रुपये क्विंटल हो गये है। उपभोक्ता मंत्रालय के अनुसार दिल्ली में अरहर दाल की खुदरा कीमत इस महीने 157 रुपये से बढ़कर 170 रुपये, महाराष्ट्र में 159 रुपये से बढ़कर 168 रुपये, मध्यप्रदेश में 150 रुपये से बढ़कर 158 रुपये हो गई है। देश भर में अरहर की औसत कीमत इस महीने 149 रुपये से बढ़कर 153 रुपये किलो हो गई है।