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गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाली महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रहा ट्रस्ट

RNE Bikaner.

आज के भागदौड़ भरे जीवन में जहां लोग अपने परिवार के जीविकोपार्जन में उलझे रहते हैं, वहीं श्री जी धूमावती चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा विधवा माताओं और गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाली महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर बनने का हौसला दिया जा रहा है। यह बात अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रशासन, दुलीचंद मीणा ने धरणीधर महादेव मंदिर परिसर में आयोजित त्रैमासिक वित्तीय सहायता समारोह के दौरान कही।

उन्होंने कहा कि बीकानेर को सही मायने में ‘छोटी काशी’ कहा जाता है, क्योंकि यहां हर व्यक्ति किसी न किसी सेवा प्रकल्प से जुड़ा हुआ है। इस अवसर पर समारोह के विशिष्ट अतिथि, रेलवे के वरिष्ठ मंडल बिजली इंजीनियर से सेवानिवृत्त टीकूराम चौधरी ने ट्रस्ट के सेवा कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह प्रकल्प न केवल विधवा माताओं के जीवन में मुस्कान ला रहा है, बल्कि सीधे ईश्वर को प्रसन्न करने जैसा कार्य है।

ट्रस्ट के सचिव भंवरलाल चांडक ने बताया कि पंडित घनश्याम आचार्य और अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया के मार्गदर्शन में ट्रस्ट द्वारा 98 धूमावती माताओं को 1500 रुपये की त्रैमासिक सहायता, कंबल और मिठाई वितरित की गई। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट का उद्देश्य माताओं को उनके दैनिक खर्चों के लिए आत्मनिर्भर बनाना है।

समारोह के दौरान अनंतवीर जैन, दाऊलाल खुड़िया, सेवाराम सोनी, राधेश्याम पंचारिया, जुगल किशोर चांडक समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम में सभी ने ट्रस्ट के इस अनूठे प्रयास की सराहना की और इसे प्रेरणादायक बताया।