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वसुंधरा एक्टिव मोड पर, क्या बदलने वाला है बहुत कुछ, भाजपा के भीतर राजनीति गर्माई

  • जोधपुर, खरनाल का किया दौरा, समर्थक जुटे
  • कई बातों पर नाराजगी का भी कराया अहसास
  • सीएम भी गये थे, निवास पर समर्थकों का जमावड़ा

अभिषेक आचार्य

RNE Network

राज्य की राजनीति में अचानक से बड़ी गतिशीलता नजर आ रही है। खासकर भाजपा के खेमे में। भाजपा में भीतरी तौर पर इतना कुछ घट रहा है कि उससे कई राजनीतिक कयासों ने जन्म ले लिया है। जिन पर प्रदेश के अन्य जिलों के साथ राजधानी जयपुर में भी गजब की हलचल है। इन सबकी वजह है पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की राज्य में बढ़ रही सक्रियता।

राजे पिछले एक सप्ताह से बहुत ही एक्टिव मोड पर है। जयपुर में जब वे अपने निवास पर थी तब वहां समर्थकों की भारी भीड़ रहती थी। वे लोगों से मिल रही थी, उनकी समस्याएं भी सुन रही थी। उनसे मिलने वालों में कई विधायक, वरिष्ठ नेता भी शामिल थे। कईयों से उनकी गुप्त मन्त्रणा भी हुई।

सीएम भी मिलने पहुंचे:

एक दिन सीएम भजनलाल शर्मा भी उनसे मिलने उनके निवास पर पहुंचे। दोनों की अकेले में काफी देर बात हुई। उस समय से राजनीति ज्यादा गर्माई हुई है। क्योंकि विधानसभा का बजट सत्र है, उसके बाद मंत्रिमंडल का भी विस्तार होना है। राजनीतिक नियुक्तियों का सिलसिला भी चलना है। राजे की उसमें भूमिका रहेगी, ये कयास अब हर कोई लगा रहा है।

जोधपुर का दौरा:

वसुंधरा राजे ने जोधपुर का दौरा भी किया। शेरगढ़ विधायक बाबूसिंह राठौड़ के पुत्र के विवाह में शामिल हुई। वहां कई नेताओं से मुलाकात हुई। जोधपुर में राजमाता विजया राजे सिंधिया के स्मारक की सही देखरेख से वे नाराज दिखी। उन्होंने सार्वजनिक रूप से अपनी नाराजगी भी व्यक्त की।

खरनाल का दौरा:

राजे उसके बाद नागौर जिले के वीर तेजाजी मंदिर, खरनाल भी गई। तेजाजी मंदिर के निर्माण कार्य की धीमी गति को लेकर वे नाखुश थी और ये नाराजगी उन्होंने वहां अपने संबोधन में भी व्यक्त की। कई स्थानीय नेता उनके साथ रहे।

पहले मिली थी मोदी व शाह से:

इससे पहले जब संसद का अधिवेशन चल रहा था तब वे संसद में पीएम नरेंद्र मोदी से भी मिली। दोनों में 20 मिनट से अधिक बात हुई।

दिल्ली में राजे ने गृहमन्त्री अमित शाह से भी मुलाकात की थी। जब सीएम दिल्ली में राष्ट्रीय नेताओं से मिलने के लिए आये हुए थे तब वे भी राजे से मिलने उनके दिल्ली निवास पर पहुंचे थे।

संगठन के नेताओं से मुलाकात:

इस बीच वसुंधरा राजे ने संगठन के नेताओं से भी मुलाकात की। जिसमें कई नीति निर्धारण करने वाले नेता भी थे। इन सबके कारण ही लगा कि राजे अभी एक्टिव मोड पर है। जो भाजपा की अंदरूनी राजनीति में कुछ बदलाव के संकेत भी दे रहा है। अभी संगठन चुनाव की प्रक्रिया चल रही है, इस कारण उनकी सक्रियता के अलग अर्थ निकाले जा रहे हैं।