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चुनाव के समय वसुंधरा फिर खामोश, राजनीतिक गलियारे में कई मायने निकाले जा रहे

आरएनई,स्टेट ब्यूरो। 

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के तूफानी दौरे के बाद प्रदेश भाजपा को भी एक्टिव होना पड़ा है। क्योंकि शाह चुनाव की तैयारियों को लेकर बीकानेर, उदयपुर व जयपुर में खासे नाराज नजर आये। बीकानेर में तीन मंत्रियों व पार्टी के जिला अध्यक्षों की क्लास लगा ली। बीकानेर में तो उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष सी पी जोशी व सीएम भजनलाल शर्मा के भाषण भी नहीं कराये। उदयपुर में भी तैयारियों से वे संतुष्ट नहीं दिखे। जाते जाते प्रदेश अध्यक्ष व सीएम को चुनाव संबंधी खूब निर्देश देकर गये। उनके पास अपने सोर्स से जुटाये डाटा भी थे, जिनको सुन प्रदेश के नेता विस्मित थे।शाह के जाते ही प्रदेश भाजपा एक्टिव हो गई। कल राजस्थान भाजपा की कोर कमेटी की बैठक बुलाई गई। जिसमें सभी सदस्यों को आवश्यक रूप से आने के लिए कहा गया। प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह तो दिल्ली में नड्डा की बैठक के कारण नहीं आये। मगर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे व केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव की अनुपस्थिति खासी चर्चा में रही। यादव को इस बार राज्यसभा का टिकट भी नहीं मिला है। राजे को लेकर तो कोई कुछ बोलने को भी तैयार नहीं। भजनलाल शर्मा के सीएम बनने के बाद से वे सार्वजनिक रूप से कम ही नजर आई है। उनकी चुप्पी सबका ध्यान खिंचे हुए हैं।कुछ दिन पहले राजे झुंझनु गयी थी। तब उनके साथ पार्टी से बगावत कर चुनाव लड़ने वाले कैलाश मेघवाल व बंशीधर बाजिया थे। अब चुनावी कोर कमेटी की बैठक में भी वे नहीं आई। इस बैठक में लोकसभा वार चुनावी रणनीति पर बात हुई। इसके अलावा चुनाव के दौरान बड़े नेताओं के दौरों की भी रूपरेखा बननी थी। दोनों चुनाव की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण काम थे मगर उसमें राजे की भागीदारी नहीं रही। बाकी सभी सदस्य जरूर उपस्थित थे।

सूत्रों के अनुसार ये कोर कमेटी को A व B श्रेणी की सीटों पर ठोस निर्णय करने है। A श्रेणी में वे सीटें हैं जिन्हें भाजपा अपने लिए पूर्ण सुरक्षित समझती है। B श्रेणी में वे सीटें है जहां भाजपा इन सीटों की अपेक्षा कमजोर है। जिन पर विशेष ध्यान की रणनीति बननी है। इस श्रेणी में टोंक, जालोर, भरतपुर, बांसवाड़ा आदि सीटें शामिल है। भाजपा की राजस्थान की 7 सीटों को B श्रेणी में रखा है। भाजपा की इस कोर कमेटी में हुई बातों से अधिक चर्चा राजे की अनुपस्थिति की हो रही है। अब भाजपा के भीतर क्या चल रहा है, वो सामने आने में वक़्त लगेगा। मगर भाजपा ने मिशन 25 के लिए अपनी पूरी शक्ति झोंक दी है।